कानपुर में इंजीनियर्स का कमाल, देश में सबसे तेज ट्रैक बिछाने का बनाया रिकॉर्ड
UP News: कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में किए जा रहे तेज रफ्तार से काम ने देश में दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी पछाड़ दिया है. ट्रैकों के बिछाने में इंजीनियरिंग का प्रदर्शन भी मिसाल बन गया.
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Kanpur Metro Train: कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में किए जा रहे तेज रफ्तार से काम ने देश में दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी पछाड़ दिया है. कम समय में तेजी से काम को खत्म करने वाले कानपुर मेट्रो के इंजीनियरों के कमाल ने कानपुर शहर में मेट्रो के काम को देश में सबसे आगे कर दिया है. कानपुर मेट्रो देश में सबसे तेज रफ्तार से पहला चरण पूरा करने वाली पहली परियोजना बनी. इसके साथ ही ऊर्जा बचाने से लेकर ट्रैकों के बिछाने में इंजीनियरिंग का प्रदर्शन भी मिसाल बन गया.
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का काम इंजीनियरों के कमाल से सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए आगे चला गया. दिल्ली में बन रही मेट्रो रेल की लाइन के साथ लखनऊ में भी बिछाई गई रेल लाइन और मेट्रो के अन्य काम कानपुर की रफ्तार के आगे पिछड़ गए. यहां इंजीनियर्स ने अपने समय को बचाते हुए अप और डाउन लाइन एक साथ बिछाने का काम किया. जिससे समय की बचत हुई.
नवंबर 2019 से शुरू हुआ था काम
देश में कई स्थानों और शहरों में मेट्रो की सेवा शुरू हुई थी लेकिन पहले कॉरीडोर के काम में दिल्ली मेट्रो की परियोजना साल 2002 में शुरू हुई थी. वो भी सितंबर के महीने में जिसे पूरा होने में 4 सालों का समय लगा. जोकि 8.4 किलोमीटर तक की दूरी का था. वहीं लखनऊ की बात करें तो यहां भी यहां 2014 में शुरू हुए काम के दौरान 8.5 किलोमीटर के रन को कंपलीट करने में तीन सालों के समय लगा लेकिन कानपुर की बात करें तो यहां पहले कॉरीडोर में 15 नवंबर 2019 को काम शुरू किया गया और 2021 में खत्म हुआ.
कानपुर में चल रहे मेट्रो के काम में नई तकनीक और इंजीनियरिंग का प्रयोग किया गया. एक ही समय में डबल टी गार्डर का इस्तेमाल किया गया, जिसमे अप एंड डाउन दोनो लाइन के ट्रैक को एक साथ बिछाया गया. जो सिर्फ कानपुर की रेल परियोजना में इंजीनियरों ने प्रयोग किया है जिसके चलते समय भी बचा और काम भी तेजी से हो गया. कानपुर ने दिल्ली समेत देश के सभी मेट्रो परियोजना में खुद का नाम प्रथम स्थान पर दर्ज करा लिया है.
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