Kanpur Latest News: उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की हालत में सुधार होता नहीं दिख रहा है. कानपुर के सरकारी अस्पतालों में घायल मरीजों को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हो पा रहा है. यह आलम रोजाना किसी न किसी सरकारी अस्पताल में देखने को मिलता है. ताजा मामला मंडलीय चिकित्सालय उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में देखने को मिला, जहां एक मां अपने बेहोश बच्चे को गोद में लेकर एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक डॉक्टरों को दिखाने के लिए चक्कर काटती रही लेकिन न तो उस महिला को डॉक्टर मिला और न ही स्ट्रेचर.
एक महिला गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे अपने 6 साल के बच्चे जिसके ऊपर अलमारी गिर गई थी उसे इलाज के लिए उर्सला अस्पताल लेकर पहुंची. पहले तो वो स्ट्रेचर या व्हील-चेयर खोजती रही लेकिन जब दर्द से बच्चा बेहोश हो गया तो वो उसे अपनी गोद में लेकर इमरजेंसी की तरफ भागी लेकिन इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने उसे ओपीडी में जाने को कहा. जब महिला ओपीडी पहुंची तो वहां से यह कह कर जाने की सलाह दी गई कि यहां पर उसके बच्चे का इलाज ठीक से नहीं हो पाएगा.
क्योंकि यहां डॉक्टर अच्छे नहीं है. मौके पर मौजूद डॉक्टर और अस्पताल के अन्य स्टाफ का दिल तब भी नहीं पसीजा और वहां से महिला को ऐसे ही बिना स्ट्रेचर या व्हीलचेयर के ही जाने दिया. बता दें कि घायल बच्चे के ऊपर अलमारी गिर गई थी जिससे उसके शरीर में कई जगह हड्डियां टूट गई थी, जिसकी वजह से वो दर्द सहन नहीं कर पाया और बेहोश हो गया. उसके बाद भी उसे फर्स्ट ऐड तक नहीं दिया गया. बच्चा न तो बैठ पा रहा था और न तो वह चल पा रहा था. अब मामले की जांच की बात कही जा रही है.
सवाल वही एक बार फिर उठता है कि स्वास्थ्य महकमे की बिगड़ी हुई तबियत कब कैसे और कौन सही करेगा. क्योंकि बीमार सिस्टम अब भी बीमार है और लोग इलाज के अभाव में दर दर भटकने को मजबूर हैं. उर्सला अस्पताल में बच्चे के इलाज के लिए परेशान मां का वायरल वीडियो हो गया है. इसका संज्ञान कानपुर डीएम ने लिया. दो डॉक्टर सहित 2 वार्ड बॉय पर कार्रवाई हुई है.
कानपुर डीएम नेहा शर्मा ने उर्सला अस्पताल के डायरेक्टर को इस तरह की घटना दोबारा न होने की कड़ी चेतावनी दी है. नेहा शर्मा ने सभी अस्पताल कर्मचारियों अधिकारियों को निर्देश देते हुए नियमों के पालन के लिए कहा है.
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