कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में नगर निगम में एक बार फिर विवाद हो गया है. इस बार महापौर प्रमिला पांडेय ने अपने ही अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, नगर निगम के पैनल में तैनात किए गए एक अधिवक्ता को हटाने को लेकर महापौर और जोन-5 के जोनल अधिकारी स्वर्ण सिंह आमने-सामने आ गए हैं. इसे लेकर महापौर ने कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

भारतीय कंटेनर निगम पर हाउस टैक्स का 4 करोड़ रुपया बकाया
दरअसल, नगर निगम के जोन-5 में स्थित भारतीय कंटेनर निगम पर हाउस टैक्स का करीब चार करोड़ रुपए बकाया है. इसके खिलाफ नगर निगम हाईकोर्ट चला गया है. आरोप है कि अधिवक्ता राधेश्याम पांडेय जो कि नगर निगम के वकील हैं, उनकी लचर पैरवी की वजह से नगर निगम कोर्ट में केस हार गया और करीब ढाई करोड़ रुपए रेवेन्यू का लॉस हुआ. वहीं जोनल स्वर्ण सिंह की माने तो लचर पैरवी के चलते अधिवक्ता को हटाने की पैरवी अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता को की गई थी. इस पर एक्शन लेते हुए अपर नगर आयुक्त ने अधिवक्ता को रिलीव कर दिया. जिसके बाद मेयर साहिबा का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया.

अधिवक्ता को हटाना महापौर को नागवार गुजरा
अधिवक्ता को हटाना महापौर को नागवार गुजरा. महापौर ने नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम के सभी 6 जोन में उन्हें समस्या आ रही है. अधिकारियों की लचर कार्य प्रणाली की वजह से नगर निगम को करोड़ों रुपए रेवेन्यू का लॉस हो रहा है. बड़ा चौराहा स्थित जेड स्क्वायर मॉल प्रकरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे खुद मॉल को सीलकर करीब 2 करोड़ रुपए वसूलकर लाई थी. वहीं अधिकारियों ने मॉल प्रशासन को गुमराह किया और वे कोर्ट चले गए.

अधिवक्ता राधेश्याम पांडेय का क्या कहना है?
वहीं जोनल अधिकारी स्वर्ण सिंह की माने तो अधिवक्ता की लचर पैरवी की वजह से नगर निगम कई केस कोर्ट में हार चुका है. वहीं अधिवक्ता राधेश्याम पांडेय का कहना है कि एक केस को लेकर कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. अधिकारी केस से जुड़े समय पर कागज तक नहीं उपलब्ध कराते हैं. कई केस नगर निगम की तरफ से जीत चुका हूं. फिलहाल मामले की जांच जारी है इंतजार अब नतीजे का है.


ये भी पढ़ें


Mussoorie News: मसूरी में अतिक्रमण पर डीएम का बड़ा फैसला, सभी अवैध निर्माण को चिन्हित करने के दिये निर्देश


Petrol Diesel Price Today: दिल्ली से एमपी तक आज पेट्रोल- डीजल की कीमत में हुई बढ़ोतरी या मिली राहत? चेक करें ताजा रेट लिस्ट