कानपुर: कानपुर नगर निगम में पार्षदों द्वारा अधिकारियों से अमर्यादित व्यवहार करने का मामला थमता नहीं दिख रहा. जल निगम कर्मचारियों ने जिलाधिकारी आलोक तिवारी को शिकायती पत्र लिखा है. पत्र में जलनिगम के अधिकारियों ने अपना दर्द बयां करते हुए बीच सदन में किये गए अपमान के बारे में बताया है. जल निगम के अधीक्षण अभियंता ने लिखे गए पत्र में कहा है कि नगर निगम परिसर में तीन दिन के भीतर ऐसा दुर्व्यवहार दोबारा हुआ. 15 जून को भी विभाग के एक अधिकारी को बेइज्जत किया गया था. 


लगातार हुई इन हरकतों के बाद विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों में भविष्य को लेकर भय व्याप्त हो गया है. सभी कर्मचारी दहशत में है. इस पूरे मसले को संज्ञान में लिया जाये. डीएम को भेजे गये पत्र की कॉपी शासन और पुलिस को भी भेजी गई है.


7 पार्षदों के बाकायदा नाम लिख कर कार्यवाही की मांग की गई है


इस पत्र के जरिये जलनिगम के अधिकारियों ने सयुंक्त शिकायती पत्र में 7 पार्षदों के बाकायदा नाम लिख कर कार्यवाही की मांग की गई है. जिसमे वार्ड 59 से आमिर, 94 से अमीम, 93 से नवीन पंडित, 01 से रमेश चंद्र, 45 से अर्पित यादव, 15 से सौरभ देव, और वार्ड 64 से नीरज बाजपेयी के नाम दिए गये है. शिकायत करने वाले जलनिगम के अधिकारियों में सात अधीक्षण अभियंता शामिल हैं. इन सभी ने अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को एक पत्र लिखकर सामूहिक रूप से शिकायत की है.


आपसी खींचतान की ये कहानी नई नहीं है. नगर निगम और जलनिगम के बीच लड़ाई के कई मामले सामने आ चुके है. नगर निगम सदन में पार्षदों द्वारा जलनिगम अधिकारी समीम अख्तर को अपमानित करने का प्लान पहले ही किया गया था. तीन दिन पहले भी परियोजना प्रबंधक राजेन्द्र यादव के साथ मेयर प्रमिला पांडेय के दफ्तर में धक्का मुक्की की गई थी. महापौर प्रमिला पांडेय के बयानों में कई बार जलनिगम के खिलाफ तीखी टिप्पड़ी सुनने को मिली है. नगर निगम और जलनिगम की आपसी लड़ाई के चलते ही गंगाबैराज पेयजल योजना 165 करोड़ के अभाव में लटकी पड़ी है. दो साल बीत गए लेकिन शासन में प्रस्ताव स्वीकृत ही नही हो रहा.


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