UP News: कानपुर (Kanpur) में नगर निगम द्वारा श्रमिक कॉलोनियों से गृह कर (House Tax) वसूल करने से जुड़ा प्रस्ताव पास होने के बाद बवाल हो रहा है. बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी (Surendra Maithani) समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने खुलेआम नगर निगम (Municipal Corporation) का विरोध दर्ज कराया है. उधर, नगर आयुक्त ने कहा कि उन्होंने और महापौर ने शासन के आदेश पर प्रस्ताव पास किया है. उनका कहना है कि नगर निगम की आय बढ़ाने के मकसद से फैसला किया गया है.


आमने-सामने आए नगर निगम और बीजेपी नेता


कानपुर नगर निगम और बीजेपी के नेता आमने-सामने आ गए हैं. कानपुर नगर निगम ने सदन में महानगर में स्थित श्रमिक कॉलोनियों से हाउस टैक्स वसूले जाने का प्रस्ताव पास कर दिया है. जिसके बाद बीजेपी के विधायक और स्थानीय नेता नगर निगम के इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए खुलकर मैदान में उतर आए हैं. वहीं सवाल महापौर प्रमिला पांडे पर भी उठ रहे हैं लेकिन उन्होंने इस मामले में चुप्पी साध ली है.


आंदोलन की दी गई चेतावनी


उत्तर प्रदेश में सिर्फ कानपुर में ही नगर निगम ने सदन में प्रस्ताव लाकर श्रमिक कॉलोनियों से हाउस टैक्सर वसूलने का फैसला लिया है जिसका विरोध शुरू हो गया है. लोगों की मांग है कि सरकार पहले कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दे और इसके बाद टैक्स वसूले. यह आवाज विपक्ष नहीं बल्कि सत्तापक्ष के विधायक की है. नगर निगम के फैसले के बाद श्रमिक कॉलोनी से जुड़े हुए संगठनों में गुस्सा है. संगठन के पदाधिकारियों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है. नगर में श्रम विभाग की कॉलोनियों में 18 हजार मकान हैं. इनको लंबे समय से मालिकाना हक का इंतजार है. इसका फैसला शासन स्तर पर लंबित है.


दिल्ली और ओडिशा की तर्ज पर श्रमिक कॉलोनी में रहने वाले व्यक्तियों को मालिकाना हक दिलाए जाने के लिए बीजेपी के भी तमाम नेता पैरवी कर रहे हैं. बीजेपी नेता यहां तक कह रहे हैं कि नगर निगम को गृह कर वसूलने का अधिकार नहीं हैं. मालिकाना हक दिए जाने का फैसला शासन स्तर पर है और चूंकि यह लंबित है इसलिए इसपर जल्द से जल्द फैसला कराने में लगे हुए हैं. हालांकि नगर आयुक्त शिवचरण अप्पा जीएन का कहना है कि शासन के आदेशों के अनुसार ही इस तरह का प्रस्ताव लाया गया है. 


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जानें, मैथानी क्यों कर रहे हैं कॉलोनी का समर्थन


महापौर प्रमिला पांडे बीजेपी की हैं और वह इस बाबत ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं. नगर निगम आय बढ़ाने के मकसद से ऐसा फैसला लाया है लेकिन माजरा वोट बैंक का है. गोविंद नगर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी को अपने वोट बैंक को सहेज कर रखना है क्योंकि पूरे एशिया की सबसे बड़ी लेबर कॉलोनी इन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में है. ऐसे में सियासत से मामला उलझता दिख रहा है. अब मामला नगर विकास मंत्री एके शर्मा के दरबार पर भी पहुंच चुका है.


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