Kanpur News: दुनिया के 70 प्रतिशत हिस्से में पानी है लेकिन इसमें पीने योग्य पानी बहुत कम है. हमारी जिंदगी में नदी के पानी की क्या अहमियत है ये सभी को पता है. वैसे तो पीने के लिए बहुत से पेय पदार्थ बाजार में है लेकिन प्यास बुझाने के लिए सिर्फ पानी ही कारगर साबित होता है. अभी तक आपको दुकानों में और किसी भी जगह पर पानी की अलग अलग बोतलें दिखाई देती होंगी या मिलती होंगी. अब आपको जल्द ही बाजार में आपको में  "गन्ना जल " ,सुनने में अजीब लेकिन हकीकत है कानपुर नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट ने गन्ने से पीने के पानी बनाने की तैयारी कर ली है.


वैसे तो गन्ना शक्कर ,गुड और अन्य मीठी चीजों को बनाने में सहायक होता है और इसकी बड़े पैमाने पर खेती भी की जाती है. बड़ी बड़ी मीलों में गन्नों से शक्कर बनाई जाती है और देश विदेश में सप्लाई की जाती है लेकिन अब गन्ने से मीठी चीजें बनने के साथ इसे पीने योग्य शुद्ध मिनरल वाटर भी बनेगा. जी हां सुनने आपको ये थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन ये सच है. कानपुर शुगर इंस्टिट्यूट में गन्ने से पानी बनाने की पूरी तैयारी हो गई है.


बाजार में मिलेंगी गन्ना जल की बोतले
अमूमन गन्ने से शक्कर बनाने में पानी की बहुत बर्बादी होती है. शक्कर बनने में लगने वाला पानी सिर्फ नालियों में बहकर निकल जाता है लेकिन अब यहां शक्कर बनने में यूज होने वाले पानी फेका नही जायेगा बल्कि उसे रिफाइन कर शुद्ध पीने तब्दील किया जायेगा. जिसमे पीने वाले पानी की तरह तमाम मिनरल और जरूरी तत्व भी शमिल किए जायेंगे. साथ ही इसे बाजार में अन्य पानी की बोतलों की तरह प्रस्तुत किया जाएगा. इसका नाम गन्ना जल रहेगा.


वहीं निदेशक नेशनल शुगर इंस्टिट्यूट डॉ सीमा परोहा ने बताया कि हमारे यहां इस बात की रिसर्च चल रही थी कि शक्कर बनाने में प्रयोग होने वाले पानी की बर्बादी को रोका जाए और इस पानी को पीने योग्य बनाया जाए जिसको लेकर हमारी रिसर्च पूरी हो चुकी है. इस बार की गन्ने की पिराई के समय हम गन्ने से पीने का पानी बनायेगे और इस पानी में सभी जरूरी मिनरल को मिलकर इस बोतलों में बाजार में उतारा जाएगा. इसके लिए हमारा एक कंपनी से समझौता हो गया है. वो इस पानी को बोतल में कर के बाजार में पहुंचाएगी. इस हम गन्ना जल के नाम से सोसायटी के सामने रखेंगे.


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