Kanpur News: कानपुर (Kanpur) में 3 जून को नई सड़क पर हुए उपद्रव को खूनी रंग देने की साजिश की गई थी. इस साजिश में मुख्य आरोपी और डी 2 गैंग के सरगना अतीक का भाई अफजाल  गुपचुप तरीके से अदालत में आत्मसमर्पण करके जेल पहुंच गया है. 5 दिन बाद जब यह खबर जेल से बाहर आई तो पुलिस अफसरों में खलबली मची हुई है. जानकार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठा रहे हैं. पुलिस अधिकारी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर उन तक यह सूचना वक्त पर क्यों नहीं पहुंची. इस साल 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसक भीड़ ने नई सड़क स्थित चंद्रेश्वर हाते पर हमला बोल दिया था. 


वैसे तो भीड़ एक टिप्पणी के विरोध में बाजार बंदी करने को जुटी थी, लेकिन उपद्रव के बाद जब पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि यह साजिश शहर को दंगे की आग में झोंकने के लिए थी. हिंसक भीड़ का इरादा खूनी हिंसा के बाद क्षेत्र में स्थित एकमात्र हिंदू बस्ती चंद्रेश्वर हाता खाली कराना था. इस योजना को अमलीजामा एमएमए जोहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी बाबा बिरियानी के मालिक मुख्तार बाबा हाजी वसी और D2 गैंग के अफजाल उर्फ जावेद के साथ मिलकर पहनाया. 


तीनों आरोपी जेल की सलाखों के पीछे 
अफ़ज़ाल को छोड़कर शेष तीनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और जेल की सलाखों के पीछे हैं. पुलिस ने अफज़ाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट लिया हुआ था, लेकिन 6 महीनों से वह पुलिस को लगातार गच्चा देता रहा. इस बीच पुलिस ढीली पड़ी तो 17 नवंबर को सरेंडर करके अफजाल जेल चला गया और पुलिस उसे ढूंढती रह गई. हद तो तब हुई जब 5 दिनों बाद पुलिस अधिकारी इस सच्चाई से वाकिफ हो पाए. अब पुलिस अधिकारी अफ़ज़ाल के जेल जाने की सूचना अधिकारियों तक नहीं पहुंचने पर कारण जानने में जुटे हुए हैं. डी 2 गैंग के सक्रिय सदस्य अफजाल के आत्मसमर्पण और पुलिस को खबर तक नहीं लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. एक तरह से पुलिस इस कुख्यात गिरोह के खिलाफ अब तक फैल नजर आई है.


पुलिस को सरेंडर की भनक तक न लगी 
डी 2 गैंग के सदस्य अफजाल के अदालत में आत्मसमर्पण और पुलिस को खबर तक नहीं लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस इस कुख्यात गिरोह के खिलाफ अब तक असहज नजर आई है, इससे पहले गैंग के अकील खिचड़ी ने भी अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस उसे भी नहीं पकड़ पाई थी. 3 जून के उपद्रव में डी2 गैंग के शामिल होने की आशंका व्यक्त की गई थी. बताया गया था कि किस तरह धर्म के नाम पर जुटाई गई भीड़ में शातिर अपराधी, माफिया ने गिरोह के गुर्गों को शामिल कर उपद्रव कराया. इसके बाद पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि डी2 गैंग के सरगना का भाई अफजाल और शूटर बाबर गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ भीड़ में शामिल थे. जो अब से 20 दिन पहले ही जेल से छूटा था. नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुए बवाल में भी शामिल था और जेल गया था.  


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