Kanpur News: समाजवादी पार्टी इन दिनों सत्ताधारी पार्टी से लगातार टकराव के मूड में दिख रही है. राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने नेताओं से जेल में मिलने पहुंच रहे हैं, तो वहीं कानपुर में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के नेतृत्व में सत्याग्रह चलाया गया. 


24 घंटे चले इस सत्याग्रह में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश, उत्साह और उनके मनोबल को बढ़ाने का काम किया गया. साथ ही महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ लिखे गए मुकदमों को झूठा बताते हुए अब जेल भरो आंदोलन के लिए बिगुल फूंका जा रहा है.


'जेल भरो आंदोलन की रणनीति बनाई गई'
समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि जेल जाना उनका शौक नहीं है, लेकिन ऐसे हालात और परिस्थितियों को बना दिया गया है जिसके बाद उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है. शांतिपूर्वक गांधीवादी तरीके से फूलबाग गांधी प्रतिमा के नीचे 24 घंटे तक सत्याग्रह का आगाज किया गया और अब अन्याय और जुल्म और ज्यादती के खिलाफ जेल भरो आंदोलन की रणनीति बना ली गई है.


नेता ने कहा कि सत्याग्रह के जरिए सपा कार्यकर्ताओं की मन स्थिति को भी जान लिया गया है और उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी के स्टंट को ब्लैकमेल करने का तरीका बता रही है. 


बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी की माने तो सपा किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश सरकार को ब्लैकमेल नहीं कर सकती. पिछले 2 महीनों में इरफान सोलंकी के खिलाफ 8 मुकदमे कानपुर पुलिस ने दर्ज किए हैं और अब तक इरफान सोलंकी पर दर्ज मामलों की संख्या 17 पहुंच गई है. आने वाले दिनों में इऱफान पर और मुकदमे भी लिखे जा सकते हैं, क्योंकि कुल 42 शिकायतें पुलिस के पास इरफान को लेकर आ चुकी हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेता जेल भरो आंदोलन का बिगुल बजाकर सत्ताधारी दल से दो-दो हाथ करने के मूड में तैयार दिख रहे हैं. 


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