Kanpur Riots: कानपुर में सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने बड़ी कार्रवाई की है. एसआईटी ने जांच के बाद 4 आरोपियों को घाटमपुर इलाके से गिरफ्तार किया है. कुल 29 में से 14 मुकदमों में साक्ष्य मिले थे जिनमें 147 लोगों की गवाहियां हुई थीं. साल 2019 यानी 3 साल पहले बनी एसआईटी ने अबतक 94 आरोपितों की पहचान की थी. जिनमें कुल 74 आरोपियों की गिरफ्तारी की जानी है.


74 आरोपी जिंदा, 22 की मौत
साल 2018 में अखिल भारतीय दंगा पीड़ित राहत कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया था. इस दंगे में कानपुर में 127 लोगों की जान चली गई थी.साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले की एसआईटी जांच की गई. दंगों के बाद इस मामले में उस वक्त फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी. जिसमें साल 2019 में 29 मुकदमों में कोर्ट के आदेश के बाद जांच की गई जिसकी विवेचना 3 साल चली. इसमें कुल 96 लोग आरोपी बनाए गए, जिनमें से 74 आरोपी जिंदा हैं जबकि 22 की मौत हो चुकी हैं. 


एसआईटी डीआईजी बालेंदु भूषण की माने तो विवेचना की कार्रवाई पूरी हो गई है जल्द से जल्द आरोपितों को पकड़कर क्लोजर रिपोर्ट शासन को दी जाएगी. जो गवाही अभी तक हुई है उसमें 174 साक्षी हैं जो चश्मदीद के रूप में शामिल किए गए थे. 20 लोगों का कलम बंद बयान कराया गया था जिसमें पर्याप्त सबूत मिले है. इन आरोपियों के खिलाफ ज्यादातर ओरल एविडेंस है क्योंकि मामला पुराना होने की वजह से कोई फैक्ट एविडेंस नहीं मिल पाए हैं. फॉरेंसिक ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया था और हर बिंदु पर कार्यवाही की गई. जिसमें असली साक्षी ओरल एविडेंस और चश्मदीद गवाह है. शासन की मंशा थी कि 38 साल से जो लोग बचे हुए हैं उन को सामने लाया जाए और सजा दिलाई जाए.


4 लोगों को किया गया गिरफ्तार
मुख्य शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ओबरॉय का कहना है कि अखिल भारतीय दंगा राहत कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई थी. साल 2019 में गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर सिक्का जारी करते हुए पीएम ने न्याय दिलाने की बात कही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच को एसआईटी से आगे बढ़ाया. 4 लोगों को आज गिरफ्तार कर लिया गया है इस बात का दुख है कि कई माएं चली गई जिनको इंसाफ की उम्मीद थी. जब सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई थी उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया था. जिसमें पांच मुख्य अधिकारी थे और बाकी कई एसआई भी थे. 


सुरजीत सिंह काफी खुश हैं और कहते हैं कि 37 साल बाद इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि दोषियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. 29 केस किए गए थे जिसमें 14 की विवेचना पूरी हो गई है. 74 आरोपित जीवित हैं. जिसके बाद 3 दिन पहले भी कुछ गवाइयां हुई है. इस हफ्ते के अंदर उम्मीद है कि सभी 74 आरोपित गिरफ्तार कर लिए जाएंगे. इंसाफ मांगते मांगते लंबा इंतजार हो गया था, पहले सोचते थे कि कानून से न्याय नहीं मिलेगा लेकिन अब देर ही सही न्याय मिल रहा है.


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