Kanpur News: बहुचर्चित बिकरू कांड में आरोपी खुशी दुबे की 29 महीने की जेल के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत मंजूर कर खुशी दुबे को बड़ी राहत दी है, जिसके चलते खुशी दुबे की मां कानपुर (Kanpur) देहात न्यायालय में पहुंच बेटी से मिलने जिला कारागार जाने को उत्साहित दिखीं. हाई प्रोफाइल बिकरु कांड मामले में बंद चल रही आरोपी खुशी दुबे की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है. 


कानपुर नगर के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी, जिसके चलते आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. इसके बाद एक्शन में आई यूपी पुलिस ने विकास दुबे समेत उसके गैंग के एक-एक सदस्यों को इनकाउंटर में मार गिराया था, जिसके बाद पुलिस ने इस कांड में अमर दुबे की पत्नी को खुशी दुबे को आरोपी बनाया था और उसे जेल भेज दिया था.


क्या है पूरा मामला?
पुलिस का कहना था कि इस पूरे कांड में जिस तरह से विकास दुबे के साथ अमर दुबे उसके गैंग का हिस्सा था, उसी तरह अमर दुबे के साथ खुशी दुबे भी शामिल थी और खुशी दुबे को जेल भेज दिया था. कानपुर देहात किशोर बोर्ड न्यायालय ने खुशी दुबे को नाबालिग करार दिया था और खुशी दुबे की मामले की सुनवाई कानपुर देहात न्यायालय में चल रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को अब जमानत दे दी है.


बेटी की जमानत मंजूर होने पर खुशी की मां को बड़ी राहत मिली है और अब वो अपनी बेटी से मिल सकेंगी. वहीं खुशी की मां ने बताया कि खुशी की शादी अमर दुबे से जबरन हुई थी. उनका परिवार अमर से शादी के लिए बिलकुल भी तैयार नही था, लेकिन विकास के रसूख और उनकी मजबूरियों ने खुशी की शादी अमर से करा दी.


वही मां का कहना है कि अगर उनकी मर्जी से खुशी की शादी होती तो बारात हमारे घर आती, लेकिन खुशी की शादी अमर और विकास के ठिकाने पर ही हुई थी. बिकरु कांड में मारे गए पुलिसकर्मियों की मौत पर भी खुशी की मां ने अपना दर्द बयां किया लेकिन बेटी के निर्दोष होने की बात भी कहीं.


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