Kanpur News: भारतीय जनता पार्टी के बारे में कहा जाता है कि पार्टी पूरे साल यानी 365 दिन और 24 घंटे चुनावी मोड में दिखती है. 12 जनवरी को स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव के नामांकन का आखिरी दिन था. इसे लेकर बीजेपी ने धुआंधार तैयारी की थी. कानपुर (Kanpur) में शक्ति प्रदर्शन के जरिए बीजेपी ने विरोधियों को एक बड़ा और कड़ा संदेश देने की कोशिश की. अब तक जो चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा परोक्ष नहीं, बल्कि अपरोक्ष रूप से लड़ा जाता रहा है. इस बार बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों को उतारकर बड़े- बड़े शिक्षक नेताओं और संगठनों की बोलती बंद कर दी है.


अब तक कानपुर-उन्नाव शिक्षक एमएलसी सीट पर काबिज रहे राज बहादुर चंदेल को सभी दल अपना समर्थन देते आए हैं. शर्मा गुट और चंदेल गुट के शिक्षक नेता इस सीट पर ना सिर्फ ताल ठोंकते दिखते थे, लेकिन इस बार की सियासी सजावट कुछ दूसरी तरह की ही दिखती है. 


सपा और बीजेपी ने एक दूसरे को दी चुनौती
सपा और बीजेपी  ने एक दूसरे को सीधी चुनौती देते हुए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. सपा ने शिक्षक एमएलसी चुनावों के लिए प्रियंका यादव और स्नातक-एमएलसी सीट के लिए डॉक्टर कमलेश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने शिक्षक एमएलसी पद के लिए पहली बार वेणु रंजन भदौरिया को उम्मीदवार बनाया है तो स्नातक एमएलसी सीट पर दो बार के अपने एमएलसी अरुण पाठक को तीसरी बार मैदान में उतारा है.


बीजेपी ने इन चुनावों के आखिरी दिन शक्ति प्रदर्शन के जरिए बड़ा संदेश देने की कवायद की. झांसी में प्रत्याशी बाबू लाल तिवारी के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मोर्चा संभाला तो कानपुर में दूसरे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक सड़कों पर उतरे. बीजेपी के लिए कहा जाता है कि बीजेपी इवेंट मैनेजमेंट पार्टी है और कानपुर की सड़कों पर नामांकन का आखिरी दिन भी पार्टी का मैनेजमेंट काबिले तारीफ़ देखा गया. ब्रजेश पाठक के साथ केबिनेट मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, सांसद सत्यदेव पचौरी अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक अभिजीत सिंह सांगा विधायक सुरेंद्र मैथानी विधायक नीलिमा कटियार समेत सभी बड़े क्षेत्रीय नेता मौजूद रहे.


नामांकन के लिए एक भव्य जुलूस की तैयारी की गई और सभी बड़े नेता एक भव्य रथ पर सवार होकर आगे बढ़े, लेकिन गाड़ियों और कार्यकर्ताओं के हुजूम के चलते सरसैया घाट से मंडलायुक्त कार्यालय को जानी वाली वीआईपी रोड पूरी तरह जाम हो गई. कार्यकर्ताओं की जबरदस्त नारेबाजी और जोश के बीच ब्रजेश पाठक को रथ से उतरकर अपनी गाड़ी पर सवार होकर नामांकन के लिए आगे बढ़ना पड़ा. वहीं कार्यकर्ताओं की जबरदस्त भीड़ के बीच ब्रजेश पाठक नॉमिनेशन की औपचारिकता पूरा कर वक्त से पहले ही लखनऊ निकल गए.हालांकि कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखकर दोनों प्रत्याशी और बीजेपी के बड़े नेता बहुत प्रसन्न दिखे. 


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