(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kanpur News: आशुतोष हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा, 60 हजार का जुर्माना भी लगा
Ashutosh murder case: कानपुर में पहली बार विशेष अदालत ने किशोर को बालिग मानते हुए सख्त सजा सुनाई है. यह फैसला निर्भया कांड के बाद आए नियमों के तहत दिया गया है.
Kanpur News: कानपुर (Kanpur) में 6 साल पहले आशुतोष हत्याकांड के आरोपी किशोर को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुरेंद्र पाल सिंह ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 60 हज़ार जुर्माना भी लगाया गया है. कानपुर में पहली बार विशेष अदालत ने किशोर को बालिग मानते हुए सख्त सजा सुनाई है. यह फैसला निर्भया कांड के बाद आए नियमों के तहत दिया गया है. मामले में चार अन्य आरोपियों को साल 2019 में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. नौबस्ता निवासी पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर धर्मपाल सिंह के 11 वर्षीय बेटे आशुतोष का 8 जून 2016 को अपहरण हो गया था. बाद में 25 लाख की फिरौती मांगी गई थी. धर्मपाल ने नौबस्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
क्या है पूरा मामला?
एसटीएफ ने 17 जून को अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन तब तक आशुतोष की हत्या कर शव को जला दिया गया था. मामले मे प्रकाश वर्मा, रौनक उर्फ़ रोशनी शेरा उर्फ साहिल अतीक खान संगीता दिवाकर और कानपुर देहात के अकबरपुर निवासी एक किशोर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई थी.16 दिसंबर 2019 को अपर जिला जज 14, मोहम्मद रफी ने प्रकाश, रौनक, शेरा और अतीक को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.जबकि संगीता को बरी कर दिया गया था.उस समय किशोर की फाइल किशोर न्याय बोर्ड में चल रही थी. पोक्सो कोर्ट के अधिवक्ता प्रदीप साहू की माने तो किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत यह व्यवस्था की गई है कि किशोर की उम्र 16 साल से अधिक और 18 साल से कम होने पर किशोर बोर्ड, उक्त किशोर की मानसिक और शारीरिक क्षमता का आकलन करता है.
इसके बाद ही तय होता है कि अभियुक्त को किशोर न्याय अधिनियम का लाभ देकर मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में चलाया जाए या विधि विरुद्ध किशोर मानकर मुकदमा विशेष न्यायालय भेज दिया जाए.इस मामले में किशोर की मानसिक स्थिति ठीक होने के आधार पर उसे विरुद्ध किशोर घोषित किया गया.किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश ने बयान दर्ज किए. जो किशोर के बयान दर्ज किए गए तो पहले उसने बताया कि उसके खिलाफ चार मुकदमे चल रहे हैं फिर कहा कि एक भी मुकदमा नहीं चल रहा. न्यायाधीश के सवालों पर किशोर बदल-बदलकर बयान दे रहा था.
60 हजार का जुर्माना भी लगा
किशोर बोर्ड ने माना कि बालक शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णता स्वस्थ्य है उसे कोई रोग नहीं है. उसे पूरी तरह से मालूम है कि कानून का उल्लंघन और अपराध करने पर क्या होता है. इसीलिए परिस्थितियों के अनुसार वह सवालों के जवाब बदल बदल कर दे रहा है किशोर कोर्ट ने 2 जून 2017 को विस्तृत आदेश पारित करते हुए पोक्सो अधिनियम के तहत विशेष सत्र न्यायालय में विशेष सत्र परीक्षण के रूप में मुकदमे को सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया था. इसके बाद 17 फरवरी 2018 को कोर्ट ने आरोप तय किए.अभियोजन की ओर से वादी धर्मपाल उनकी बेटी तान्या, घटना के चश्मदीद निर्मल कुमार समेत 7 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. किशोर को घटना के दिन आशुतोष के कोचिंग सेंटर के पास देखा गया था. उसे अपहरण कर्ताओं के साथ कार में भी देखा गया. कोर्ट ने माना कि किशोर ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर पूर्व नियोजित योजना के तहत एक राय होकर आशुतोष का अपहरण कर फिरौती मांगने और हत्या कर लाश को जलाकर बोरी में रख नदी में फेंक कर साक्ष्य मिटाने का अपराध किया है. उम्रकैद के साथ ही आरोपी को 60 हज़ार जुर्माना भी लगाया गया है.
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