Kanpur News: आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) द्वारा भूगर्भ जल को लेकर की गई पड़ताल ने भविष्य के लिए बहुत खतरनाक संकेत दिए हैं. कानपुर महानगर और कानपुर देहात के भूगर्भ जल पर किए गए ताजा रिसर्च के बाद हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग की पड़ताल के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पानी के जुटाए गए नमूनों की रिसर्च से सामने आया है कि जल में कई गुना तक खतरनाक यूरेनियम मिला है जो मानव शरीर के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है.
क्या है पूरा मामला?
कानपुर में चकेरी और आसपास के करीब एक दर्जन क्षेत्रों के लोग जहरीला पानी पी रहे हैं. आईआईटी की जांच में यह बात सामने आई है कि चकेरी में मानक से 8 गुना ज्यादा यूरेनियम पाया गया है. शहर में फैले डायरिया के बीच आईआईटी की इस रिपोर्ट ने जानकारों को चिंता में डाल दिया है. कानपुर आईआईटी के अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर इंद्र शेखर सेन और उनकी टीम ने कानपुर नगर और देहात के 192 स्थानों की सरकारी हैंडपंप से पानी के सैंपल लेकर जांच की थी. इसमें 29 स्थानों पर यूरेनियम पाया गया है. सबसे खराब स्थिति चकेरी की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1 लीटर पानी में 30 माइक्रोग्राम से ज्यादा यूरेनियम नहीं होना चाहिए लेकिन चकेरी में 1 लीटर पानी में 253.29 माइक्रोग्राम यूरेनियम पाया गया है
नमूनों की हर पैरामीटर पर की गई जांच
कानपुर के पानी में घातक यूरेनियम पाया गया है. इसके बावजूद एक चौथाई आबादी इसे पीने को मजबूर है. आईआईटी के वैज्ञानिक प्रोफेसर इंद्र शेखर सेन और उनकी टीम की रिसर्च में खुलासा हुआ है. टीम ने कानपुर नगर और कानपुर देहात में लगे 192 सरकारी हैंडपंपों से पानी के लिए नमूने लिए थे. नमूनों की हर पैरामीटर पर जांच की गई. 30 फीसदी नमूनों में यूरेनियम मानक से कई गुना ज्यादा मिला. अधिकतर में क्रोमियम कैडमियम निकेल लेड समेत कई हेवी मेटल्स भी मानक से अधिक मिले.
आईआईटी कानपुर की ये रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय जनरल एप्लाइड केमिस्ट्री में भी प्रकाशित की गई है. टीम ने सरकारी हैंडपंप तालाब पोखर और कुओं से जल का नमूना लेकर जांच की. 10 फीसदी से अधिक इलाकों में यूरेनियम का स्तर 5-10 गुना अधिक मिला है. सबसे अधिक खराब स्थिति कानपुर के चकेरी इलाके की है. जाजमऊ, सनिगवां, हरजेंद्र नगर, विमान नगर सैनिक नगर भाभा नगर शिवकटरा कृष्णा नगर आदि खतरनाक श्रेणी में है. जानकारों की माने तो रिसर्च के नतीजे भविष्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं.
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