Kanpur News: सरकार के मंसूबों और योजनाओं को किस तरह पलीता लगाया जाता इसका उदाहरण कानपुर में देखने को मिला है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत कानपुर को 8 करोड़ की लागत की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की सौगात मिली थी लेकिन विभाग ने इस सौगात को शासन और सरकार की आंख में धूल झोंक कर कूड़े के ढेर में तब्दील कर दिया.


शासन से शहर को  32 करोड़ की धनराशि मिली थी जिससे 1800 कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां और 2500 हांथ कूड़ा गाड़िया खरीदी जानी थी जिसे 6 माह पहले विभाग ने खरीद लिया था आरोप ये भी है कि खराब क्वालिटी के बावजूद इसे खरीद कर लिया गया लेकिन इसके शहर में आने बाद इसे डंप किया रखा गया. जिसके बाद ये गाडियां खुद ब खुद खराब होने लगीं क्योंकि इनका उपयोग नहीं किया जा रहा था.


जिन्हे काम में लिया गया वो इस लायक ही नहीं थी कि उनसे काम लिया जाए वहीं घोटाले को पार्षद दल के नेताओं ने आवाज बुलंद कर इसकी पोल खोल दी थी लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, वहीं हांथ कूड़ा गाड़िया तो लोहे की बनी हुई है जिनको कोई खास नुकसान नही हुआ है लेकिन कूड़ा उठाने वाले रिक्शे रिम से लेकर टायर तक से सब तरह से खराब हो गए हैं  .


विपक्ष का विभाग पर आरोप
वहीं इस घोटाले में कानपुर से सपा विधायक अमिताभ बाजपाई का कहना है कि अधिकारी सफाई के नाम पर माल साफ कर रहे हैं और ये बड़ा मुद्दा है जिसमे जांच होकर दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए. वहीं कांग्रेस नेता नौशाद आलम मंसूरी ने भी इस घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत की बात कही है और कहा आज की करोड़ों रकम पट सस्ता माल खरीद कर पैसे बचाएं जा रहे हैं.


मामले पर क्या बोलीं महापौर
इस मामले में विपक्ष और पार्षदों के हल्ला बोलने पर महापौर ने सामने आकर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी अधिकारियों नही दी कि मंगाई गई गाड़ियों की गुणवत्ता सही नही है और इस खराब क्वालिटी के लिए कंपनी जिम्मेदार है और उस अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी. जिन्होंने हमे जानकारी दिए बिना इसको मैदान में उतार दिया.


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