IIT Kanpur: आईआईटी कानपुर का एक और अविष्कार अब जनहित के लिए सामने आया है. भारत सरकार लगातार देश में बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए चिंतित है और अलग अलग प्रयास करती दिख रही है. प्रदूषण की समस्या को लेकर कानपुर आईआईटी में एक ऐसी चलती फिरती लैबोरेट्री वैन तैयार की है जो शहर शहर घूम कर पता लगाएगी कि प्रदूषण कहां और कैसे फैल रहा है.


अपने अलग अलग अविष्कारों के लिए खास जाना जाने वाला कानपुर आईआईटी किसी परिचय का मोहताज नहीं है और न ही यहां रिसर्च ही किसी की मोहताज हैं. इन्हीं कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कानपुर आईआईटी ने एक नया अविष्कार कर सबको हैरान किया है. कानपुर शहर वैसे तो औद्योगिक राजधानी के नाम से जाना जाता है लेकिन अब प्रदूषण के बढ़ते परसेंटेज से यहां की जनता परेशान है और हवा में प्रदूषित हवाओं का फैलाव हो रहा है जिसकी रोक थाम के लिए आईआईटी कानपुर ने एक वैन बनाई है.


वैन पता लगाएगी शहर का प्रदूषण स्तर
ये वैन शहर में घूम कर मात्र 11 दिनों में इस बात का पता लगा लेगी की किस गली किस मोहल्ले और किस औद्योगिक इकाई के क्षेत्र से सबसे ज्यादा प्रदूषण निकला रहा है. फिर चाहे वो वायु प्रदूषण हो या फिर जल प्रदूषण हो. ये वैन लगातार 10 दिनों तक घूमकर प्रदूषण का डाटा इकट्ठा करेगी और 11 वें दिन सभी डाटा पर अपनी फाइनल रिपोर्ट दे देगी जिससे प्रदूषण के कारण, उसके बचाव और उसकी रोकथाम पर काम किया जा सकता है. इस लैबोरेट्री वैन को बनाने में लगभग लगभग 20 करोड़ की लागत आई है और अभी तक ये पायलट फोम में का कर रही है. इसके प्रयोग और परिणाम के लिए इसे अभी लखनऊ और कानपुर में टेस्ट किया जाएगा.


वहीं आईआईटी के प्रोफेसर सच्चिदानंद ने बताया कि ये वैन अगले महीने कानपुर पहुंचेगी. अभी लखनऊ में उसका प्रयोग देखा जा रहा है. 11 दिन शहर में घूमने के बाद ये विशेष वैन अपनी रिपोर्ट स्थानीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को देगी और उसके आधार पर रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी. इस चलती फिरती लैबोरेट्री वैन से 11 दिन में ही प्रदूषण की रिपोर्ट मिल जायेगी. वहीं अभी तक ऐसी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा था जिससे 2साल का समय प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जाता था.


ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: छठवें चरण के लिए आज से नामांकन शुरू, यूपी की इन 16 सीटों पर भरेंगे जाएंगे पर्चे