Kanpur News: दीपावली (Diwali 2022) में जश्न के दौरान इतने पटाखे फोड़े जाते रहे हैं कि अगली सुबह प्रदूषण की एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती थी. लेकिन इस बार इसे जागरूकता कहें या लोगों की प्रदूषण के प्रति बढ़ती चिंता, इस बार पटाखे कम फोड़े गए. जिससे प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंच पाया. वहीं दूसरी ओर, जिला प्रशासन द्वारा लाइसेंस देकर लगवाए गए पटाखा बाजार, बेजार रहे. पटाखों की कम बिक्री के चलते पटाखा बाजार ग्राहकों के लिए तरसते दिखे.
प्रदूषण का स्तर खतरनाक नहीं
कानपुर महानगर की बात करें तो पिछले कुछ सालों में वायु गुणवत्ता सूचकांक दिवाली के बाद 500 से 700 के बीच पहुंच जाता था. लेकिन इस बार दीपावली की रात 1 बजे तक प्रदूषण का स्तर 270 से 280 के बीच मापा गया. लोगों में पिछले कुछ सालों में प्रदूषण को लेकर जागरूकता देखने को मिली है और इसी का नतीजा बताया जा रहा है कि प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक नहीं हुआ जितना हर साल देखने को मिलता है.
इन इलाकों में यह रहा एक्यूआई
इसी के साथ नेहरू नगर में 210, किदवई नगर में 272, आईआईटी में 140 और कल्याणपुर में 245 एक्यूआई दर्ज किया गया. इसका दूसरा पहलू यह है कि जिला प्रशासन द्वारा लाइसेंस देकर लगवाए गए पटाखा बाजार, बेजार रहे. पटाखों की कम बिक्री के चलते पटाखा बाजार ग्राहकों के लिए तरसते दिखे. पटाखा विक्रेताओं की माने तो कानपुर के बृजेंद्र स्वरूप पार्क में 22 लाइसेंस धारियों ने पटाखा बाजार लगाया था लेकिन लोगों में इस बार पटाखे को लेकर क्रेज बहुत कम दिखा. जिसके चलते आधे से ज्यादा पटाखे उनके बच गए हैं और उन्हें लाखों रुपए का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है.
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