Kanpur News: मानसूनी बारिश की ऐसी बेरुखी 20 साल बाद देखने को मिली है. जून से लेकर अभी तक महज 91.6 मिलीमीटर बारिश ही कानपुर में हुई है. जबकि अब तक सामान्य रूप से 248 मिलीमीटर बारिश हो जानी चाहिए थी. इससे पहले साल 2002 में सबसे कम बारिश 77 मिलीमीटर दर्ज की गई थी. लेकिन इस साल कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में औसत बारिश के मुकाबले 63.1 फ़ीसदी कम बारिश हुई है.
पिछले 20 सालों में यह स्थिति पहली बार
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार पिछले 20 वर्षों में ऐसी स्थिति पहली बार हुई है जब मॉनसून सीजन में बारिश का प्रतिशत इतना नीचे गिर गया है. यह सिर्फ कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है. पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश की मानसून बारिश को देखा जाए तो इस बार 71% की कमी आ गई है.यह पूरे देश में इस सीजन की सबसे कम बारिश दर्ज की गई है.
मौसम की इस बेरुखी से इस बार किसान भी बहुत ज्यादा परेशान है.धान की बुवाई का क्षेत्रफल 20 फीसदी तक घट सकता है. धान की नर्सरी सूखने से कई किसानों ने मूंग उड़द तिल मक्का ज्वार और बाजरा की बुवाई शुरू कर दी है.इससे पैदावार पर भी फर्क पड़ेगा.ऐसे में चावल का महंगा होना तय माना जा रहा है. वैज्ञानिक कह रहे हैं कि अगर अगले 10 दिनों में बारिश ना हुई तो धान की पैदावार और क्षेत्रफल कम हो सकता है. वैज्ञानिकों की मानें तो अब तक किसानों को करीब 30 फीसदी तक नुकसान बारिश न होने के चलते हो चुका है. बारिश की बेरुखी से किसान भी बहुत ज्यादा परेशान है. किसानों का कहना है कि इस बार फसल 40 फ़ीसदी तक चौपट हो चुकी है और अगर बारिश नहीं हुई तो किसान का बेहाल हो जाना तय है.
सावन में बारिश न होने से परेशान हैं लोग
मौसम विभाग की मानें तो पिछले 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब मानसूनी सीजन और प्री मॉनसून सीजन में पूरे क्षेत्र में हवा का कम दबाव मुश्किल से एक दो बार बना हो.बारिश वाले बादल कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र और इसके आसपास क्षेत्रों के बजाय मध्य प्रदेश पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड की ओर बने. इस सीजन में बारिश नहीं होने की मुख्य वजह ग्लोबल वार्मिंग को माना जा रहा है. इसके कारण बारिश आगे के दिनों में शिफ्ट हो रही है.
जून महीने में 35.8 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि 81.5 मिली मीटर बारिश होनी चाहिए वहीं जुलाई में 58.8 मिलीमीटर बारिश हुई है.जबकि 166.7 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए.आंकड़े बहुत कुछ कहानी कह रहे हैं.अब आस बारिश से लगी हुई है कि बारिश हो और किसान और जन सामान्य को बड़ी राहत मिले क्योंकि सावन भी सूखा सूखा बीता जा रहा है.
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