Kanpur News: कानपुर (Kanpur) में 85 केंद्रों में 15 और 16 अक्टूबर को PET यानी प्रारंभिक अर्हता परीक्षा संपन्न कराई गई जिसमें सॉल्वर के तौर पर सीजीएसटी निरीक्षक पकड़ा गया. अब तक बिहार और पूर्वांचल में सॉल्वर गैंग से जुड़े मामले सामने आते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वक्त में कानपुर से भी कई सॉल्वर सामने आए हैं. जुलाई के बाद से जिस तरह से कानपुर में सॉल्वर पकड़े जा रहे हैं उससे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. खुफिया और अन्य एजेंसियों की रिपोर्ट है कि बिहार और पूर्वांचल के बाद अब कानपुर सॉल्वर गिरोह की बड़ी मंडी के रूप में स्थापित हो रहा है. सॉल्वर गिरोह की जांच में अब तक यही सच्चाई सामने आई है कि इसके तार काकादेव कोचिंग मंडी से जुड़े हैं.


क्या है पूरा मामला?
दरसअल, पीईटी के परीक्षा केंद्र राहुल मेमोरियल इंटर कॉलेज में शनिवार को हरदोई मल्लावां के रहने वाले अभ्यर्थी रघुवीर के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर को पकड़ा गया था. सॉल्वर की पहचान महाराजगंज के सैफ अहमद खान के रूप में हुई थी. जो कि मुंबई के घाटकोपर में जीएसटी निरीक्षक के पद पर तैनात है. जुलाई से लेकर अब तक 1 दर्जन से अधिक सॉल्वर और गिरोह से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. जबकि 1 साल के दौरान यह संख्या 3 दर्जन से ज्यादा पहुंच चुकी है.


काकादेव कोचिंग मंडी से जुड़े हैं तार 
सूत्रों के मुताबिक, बिहार, पूर्वांचल और आगरा से जुड़े बदनाम शिक्षा माफिया ने जिले में परीक्षा केंद्रों की स्थापना के लिए हाल के ही सालों में करोड़ों रुपए का निवेश किया है. जहां बेरोकटोक नकल कराई जाती है. सॉल्वर गिरोह की जांच में अब तक यही सच्चाई सामने आई है. इसके तार काकादेव कोचिंग मंडी से जुड़े हैं. पूरा तंत्र यहीं से संचालित होता है. हालांकि पुलिस का दावा है कि वह इस पूरे मामले में बड़ी गंभीरता से अपनी कार्रवाई कर रही है.


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