Kanpur News: कानपुर महानगर में शत्रु संपत्तियों पर कई सालों से काबिज लोगों को हटाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी कवायद शुरू कर दी है. केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन के शत्रु संपत्ति अनुभाग ने शत्रु संपत्तियों को खाली कराने के लिए नोटिस थमाना शुरू कर दिया है. करीब 40 से ज्यादा परिवारों को खाली कराने के लिए नोटिस थमाया जा चुका है और अभी भी कई और कब्जा धारकों को नोटिस दिया जाना बाकी है. नोटिस देने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद खाली कराने के लिए विशेष अभियान की तैयारी भी कर ली गई है.


जानिए कब लगी इन संपत्तियों की खरीद पर रोक


दरअसल केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्तियों से संबंधित कानून में संशोधन कर खुद को सभी ऐसी संपत्तियों का मालिक घोषित कर दिया है. इसी के बाद पूरे देश में शत्रु संपत्ति को 2017 से बेचने या फिर खरीदने पर रोक लगा दी गई है. यही नहीं इसके बाद जिले की 12 शत्रु संपत्तियों को खाली कराने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है. इस बीच कई लोग कोर्ट चले गए तो मामला ठंडा हो गया, लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार के अभीरक्षक संयुक्त सचिव सौरभ रे ने कानपुर शहर का दौरा कर शत्रु संपत्तियों का सर्वे किया था.


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प्रशासन ने 12 शत्रु संपित्तया की घोषित


इस सर्वे के जरिए सचिव सौरभ रे इन संपत्तियों से जुड़ी कई जानकारियां जुटा कर वापस चले गए थे. हालांकि इस दौरान उन्होंने 86 और नई संपत्तियों का जिक्र कर किया था. जिसके बाद माना जा रहा था कि जिले में शत्रु संपत्तियो की संख्या बढ़ जाएगी. हालांकि अभी तक प्रशासन के रिकॉर्ड में 12 शत्रु संपत्तिया घोषित हैं जबकि तीन को घोषित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. इन्हीं तीन संपत्तियों में काबिज लोगों को हटाने के लिए अब कवायद शुरू हो गई है. बता दें कि शहर के बेगमगंज चमनगंज और कंघी माहौल में चिन्हित की गई करोड़ों की तीन नई शत्रु संपत्ति को खाली कराने के लिए कब्जा धारकों को नोटिस देकर जवाब मांग लिया गया है. निर्धारित अवधि में जवाब ना देने पर संपत्ति या केंद्र के शत्रु संपत्ति अधीक्षक कार्यालय के अधीन चली जाएंगी.


जानिए कौन है शत्रु संपत्ति पर काबिज लोग 


अभीरक्षक ने जिन शत्रु संपत्तियों को चिन्हित किया है उनमें काबिज लोगों में बाबा बिरियानी के संचालक मुख्तार अहमद बाबा के अलावा 29 अन्य लोग हैं. बकौल शत्रु संपत्ति अभीरक्षक कार्यालय मुख्तार अहमद वर्तमान में पाकिस्तानी नागरिक आबिद रहमान, गुड्डी आपा, उमर फारूक, आमना खातून की बेकन गंज के डॉक्टर बेरी चौराहा स्थित भवन संख्या 99/14 राम जानकी मंदिर और चमनगंज के नाला रोड स्थित भवन संख्या 88/21 पर काबिज हैं.


क्रेंद्र सरकार लेगी अंतिम फैसला


वहीं कंघी माहौल के भवन संख्या 99/187 में रह रहे शान मोहम्मद, राबिया बेगम, जफरुद्दीन मोहम्मद, उमर मलका, मेहर साबिया, नौशाद आलम मोहम्मद, सिराज मोहम्मद, राशिद इमरान खान, रेशमा शरफुद्दीन, ताजुद्दीन नजर, अब्बास मोहम्मद, राशिद रईस, अहमद नसीर, गुलजार अहमद, मोहम्मद बशीर, एजाज अली, रुखसार फातिमा, शाहनवाज सैयद, गजाला शाहीन, अख्तर अली, आलम कुरेशी, शमशाद अहमद, मोहम्मद कलीम और मोहिन रसूल को नोटिस जारी किया गया है. दस्तावेजों के अनुसार ये मकान पाकिस्तान की नागरिक आमना खातून का है जो 10 सितंबर 1965 से 26 सितंबर 1977 तक इसे इस्तेमाल कर रही थी. ऐसे में यह मकान शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आता है. अब नोटिस के बाद इन सभी के जवाब आने पर सुनवाई कर शत्रु संपत्ति घोषित करने पर केंद्र सरकार अंतिम फैसला लेगी.


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