Kanpur: लगातार बढ़ रही है वायरल बुखार के मरीजों की संख्या, अस्पतालों में कम पड़े बेड
Kanpur News: एक बेड पर दो तीन बच्चों को लिटा कर उनका इलाज किया जा रहा है. और अधिक मरीजों का इलाज हो सके इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही है.
Kanpur Viral Fever story: मौसम की मार वायरल के प्रकोप के रूप में सामने आई है. वेक्टर बोर्न डिजीज और वायरल की मार बच्चे, बूढ़े, महिलाओं को अपनी चपेट में तेज़ी से लेती जा रही है. आलम ये है कि उल्टी, दस्त, बुखार, निमोनिया के इतने मरीज आ रहे हैं कि अस्पताल में बेड ही कम पड़ गए हैं. कोरोना के मामलों में बहुत तेजी से कमी आ रही है लेकिन अब वायरल फीवर ने कहर ढाना शुरू कर दिया है. वायरल फीवर (Viral Fever) की चपेट में बच्चे भी बहुत तेजी से आ रहे हैं. बच्चों में संक्रमण इस कदर फैला है कि कानपुर (Kanpur) के हैलट अस्पताल का बाल रोग विभाग पूरी तरीके से फुल हो चुका है. यहां पर एक बेड पर दो तीन बच्चों को लिटा कर उनका इलाज किया जा रहा है.
बच्चों में बढ़ रहा संक्रमण चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं युवाओं में भी वायरल फीवर से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ पहुंच रही है. आलम यह है कि ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं. वहीं हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग के सभी बेड फुल हो चुके हैं. जिसके चलते हैं एक एक बेड पर दो दो मरीजों का इलाज चल रहा है. वही बेड ना मिलने पर लोगों को जमीन पर लिटा कर भी उनका इलाज किया जा रहा है. वायरल से संक्रमित लोगों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए हैलट अस्पताल में 18 बेड बढ़ाए गए हैं. और अधिक मरीजों का इलाज हो सके इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही है.
शहर में मलेरिया और डेंगू का खतरा भी मंडरा रहा है
इसी तरह उर्सला व अन्य सरकारी अस्पतालों में भी सभी बेड फुल हो चुके हैं. शहर में मलेरिया और डेंगू का खतरा भी मंडरा रहा है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी सचेत हो गया है. आलम ये है कि हैलट इमरजेंसी में 300 मरीज वायरल फीवर के रिपोर्ट चुके हैं. अस्पताल मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने में जुटे हुए हैं. इमरजेंसी में हालात ओपीडी जैसे नजर आने लगे हैं. मरीजों के लिए स्ट्रेचर,बेड और ट्रॉली कम पड़ने लगे हैं.
अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के चलते मरीजो की हालात को सामान्य करके उन्हें घर भेजा जा रहा है और उन्हें घर में रहकर ही दवा करने की सलाह दी जा रही है. हैलट अस्पताल के 4 वार्डों की हालत यह है कि अधिकतर बेड में दो-दो मरीजों का इलाज चल रहा है. कोरोना की तीसरी वेव की आशंका के चलते हैलट अस्पताल में 400 बेड कोरोना पेशेंट के लिए रिजर्व करके रखे गए हैं. जिनमें सामान्य फ्लू और वायरल के मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता.
वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में भी विचार किया जा रहा है
जिस तरीके से लगातार वायरल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए हैलट अस्पताल प्रशासन अब न्यूरो कोविड अस्पताल के एक फ्लोर को इन मरीजों के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल रिचा गिरी का कहना है कि मेडिकल कालेज अधिक से अधिक मरीजों का इलाज करने के लिए तत्पर है. जिसके चलते अभी तक 18 बेड दूसरे वार्ड से मैनेज कर बढ़ाए जा चुके हैं. वही अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में भी विचार किया जा रहा है.
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