Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता और धारा 144 लागू कर दी गई है. जिसके चलते अब पुलिस और प्रशासन की अपनी-अपनी जिम्मेदारियां सुनिश्चित कर दी गई हैं. ऐसे में अब कानपुर पुलिस के लिए शहर में उन असलहों को चुनाव भर कब्जे में लेने की एक बड़ी चुनौती है जो कानपुर शहर में रहने वाले लोगों ने अपनी सुरक्षा या अन्य किसी वजह से लाइसेंसी हथियार खरीदे हैं. शहर में ऐसे 28 हजार असलहे जिलाधिकारी कार्यालय में दर्ज है.
सकुशल चुनाव करना कानपुर कमिश्नर पुलिस के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं है. ऐसे में कानपुर शहर में दो लोकसभा जुड़ी हुई हुआ कानपुर और अकबरपुर लोकसभा लगभग 35 लाख की आबादी के बीच 28 हजार लाइसेंसी हथियार लोगों के बीच मौजूद है और चुनाव में हाथियों से कोई घटना या चुनाव के दौरान कोई दुरुपयोग न हो इसके लिहाज से पुलिस के कंधों पर इस असलहों को चुनाव के परिणाम की तारीख तक अपने पास जमा करना पड़ता है. अब पुलिसकर्मी प्रत्येक चौकी और थानों के स्तर से क्षेत्र में लाइसेंस धारियों की तलाश कर उनके असलहे जमा कर रही है.
4500 लाइसेंस असलहे बरामद
शहर की पुलिस अभी तक महज 45 सौ लाइसेंसी असलहे अपने पास जमा कर पाई है और बाकी के 23 हजार पांच सौ असलहे अभी चुनाव से पहले पुलिस को जमा कराना पड़ेगा. जिसके लिए हर रोज काम किया जा रहा है. बहुत से ऐसे लाइसेंस धारी है. जिन्होंने लाइसेंस तो करा लिया है लेकिन उन्होंने अभी तक असलहा नहीं खरीदा है और कुछ तो शहर के बाहर है या अन्य शहर में शिफ्ट हो गए है. जिसके चलते पुलिस के लिए इसे समय पट पूरा कर पाना थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा है.
वहीं इनापुर के एडिशनल सीपी हरीश चंद्र ने बताया की लगातार काम किया जा रहा है और ऐसे में ये जिम्मेदारी खुद भी लाइसेंस धारक की भी होती है कि वह अपने असलहे को नजदीकी थाने में जाकर जमा करा दे. कुछ जिम्मेदार नागरिक है. उन्होंने पुलिस के लोड को काम कर दिया है. लेकिन सभी को उनके एड्रेस से खोजना और फिर उनसे उनका असलहा जमा कराना एक कठिन काम. है लेकिन कानपुर पुलिस ने अभी तक लगभग 45 सौ असलहे जमा करा लिए है.
ये भी पढ़ें: कुशीनगर से चुनाव लड़ेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य, देवरिया में भी उतारा प्रत्याशी