UP News: कानपुर पुलिस (Kanpur Police) की क्राइम ब्रांच ने निवेश के नाम पर साइबर ठगी करने वाले तीन शातिरों को पकड़ा है. गिरोह का मास्टरमाइंड चीन का मूल निवासी बताया गया है जो अपने देश में बैठकर भारतीयों को चपत लगा रहा है. पुलिस ने जो खुलासा किया है, उसमें यह भी बताया गया है कि अब तक ये गिरोह देश में करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी को अंजाम दे चुका है. कानपुर पुलिस ने शिव कॉलोनी गुरुग्राम निवासी यश यादव, सिद्धार्थनगर के श्रवण यादव और बबेरू बांदा के अनुपम द्विवदी को इस बाबत गिरफ्तार किया है. तीनों चीन के भी बीज के गिरोह के सदस्य हैं. कानपुर पुलिस का दावा है कि गिरोह से जुड़े शातिर देशभर में फैले हुए हैं.


कानपुर पुलिस की माने तो मास्टरमाइंड चीन से ही कमोडिटी एक्सचेंज की वेबसाइट बनाता है. इसका एक्सेस अपने गिरोह के सदस्यों को देता है. इसके बाद यह लोग, अपने शिकार को ईमेल और अन्य सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते हैं और निवेश करने का लालच देते हैं. जैसे ही बड़ी रकम निवेश हो जाती है तो वेबसाइट को क्रैश कर दिया जाता है. जिससे पैसा लगाने वाले का पैसा डूब जाता है. यह खेल पिछले दो सालों से बदस्तूर जारी है.


कैसे करता है ठगी?
चीन में बैठा ठग नौकरी संबंधी वेबसाइट से भारतीयों का डेटा उठाता है. उनको ईमेल के जरिए संपर्क कर नौकरी देने की बात की जाती है. इसके बाद कमोडिटी की वेबसाइट बनाकर ठगी शुरू होती है. लोगों को लगता है कि वह चीनी कंपनी के लिए नौकरी कर रहे हैं और लालच में आकर फस जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ कानपुर के रहने वाले रहमान के साथ जिन्होंने वेबसाइट के जरिए कंपनी में 11 लाख निवेश किए, लेकिन वेबसाइट क्रैश हो गई.


UP News: 'संगठन सरकार से बड़ा है', केशव प्रसाद मौर्य ने क्यों किया था ये ट्वीट? खुद किया खुलासा


पुलिस की माने तो गैंग ने पूरे देश में 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है. गुड वर्क करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर ने 50 हजार का इनाम देने की घोषणा की है. 12 जून को एंपोरियम स्टेट सिविल लाइंस निवासी फैजुर रहमान ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें जानकारी दी गई थी कि 30 अप्रैल से शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया है. जिसके लिए आईडी पैसा इन्वेस्ट करना शुरू किया. वेबसाइट ने अच्छा रिटर्न दिया. उन्होंने एक साथ 11 लाख रुपए लगा दिए, जिसके बाद ठगी हो गई.


200 लोगों का है गिरोह
पुलिस का कहना है कि चीनी नागरिक देश के बाहर है और इसके लिए सीबीआई को सूचना दी जा चुकी है. पुलिस का कहना है कि श्रवण अंग्रेजी से स्नातक है और उसका मुख्य काम भारतीय मुद्रा को बिटकॉइन में बदलकर बी बोज को पैसे भेजना था. यश का काम एक शहर से दूसरे शहर सिम भेजना और एकत्र करना था. साथ में फर्जी खाते खुलवा कर एटीएम कार्ड भी पहुंचाना था. अनुपम के जरिए 200 लोग गिरोह से जुड़े हैं. बी बॉस अनुपम के सीधे संपर्क में है. यानी आने वाले दिनों में पुलिस इस मामले में कई अन्य लोगों को भी पकड़ सकती है.


ये भी पढ़ें-


UP Politics: सपा MLC स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी में बढ़ेगा कद, मिल सकी है ये बड़ी जिम्मेदारी, जानिए वजह