Forgery in Kanpur RTO: यूपी के कानपुर आरटीओ में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है. यहां पर गाड़ी को देखे बिना ही रजिस्ट्रेशन और फिटनेस सर्टिफिकेशन कर दिया गया. हैरानी की बात ये है कि ये गाड़ी इंदौर में खड़ी रही और इसका रजिस्ट्रेशन कानपुर में कर दिया गया. इस फर्जीवाड़े के सामने आने पर आरटीओ में हड़कंप मच गया है. हुआ ये कि एक चौदह चक्के का ट्रक इंदौर के देवास में खड़ा रहा और कानपुर के एआरटीओ साहब ने कानपुर में बैठे-बैठे उसका रजिस्ट्रेशन कर दिया. 


कानपुर आरटीओ का कारनामा
कानपुर में एआरटीओ प्रशासन सुधीर वर्मा ने आरआई अजीत सिंह के साथ मिलकर ये कारनामा कर डाला. बात 20 अप्रैल की है जब खबर सामने आई कि मध्यप्रदेश के इंदौर ज़िले के देवास में परवेज़ नाम के शख्स का एक चौदह चक्का ट्रक खड़ा है. ट्रक की बॉडी अभी बन रही थी और ट्रक का रजिस्ट्रेशन भी नही था. आरोप है कि सेटिंग के चलते सुधीर वर्मा ने कानपुर में बैठे-बैठे इंदौर में खड़े ट्रक का राजिस्ट्रेशन कर दिया. मजेदार बात ये है कि एआरटीओ को इसका अधिकार भी नहीं है कि वो किसी भी वाहन को देखे या उसका रजिस्ट्रेशन करे. 


बिना गाड़ी देखे किया रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेशन
सुधीर वर्मा ने ट्रक का रजिस्ट्रेशन किया तो आरआई अजीत सिंह ने फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया. इस मामले में जब आरआई अजीत सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो वो गोलमोल जवाब देकर पूरे मामले से बचते हुए नजर आए और फिर उन्होंने कह ही दिया कि लापरवाही एआरटीओ की तरफ से हुई होगी. उनकी कोई गलती नही है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ट्रक कोई और आया हो और नंबर कुछ और लिखा हो. लेकिन इस गड़बड़ी से उनका कोई लेना-देना नहीं है. वहीं दूसरी तरफ सुधीर वर्मा आरआई पर ठीकरा फोड़ते हुए दिखाई दिए.


जानिए क्या कहते हैं नियम?


नियम के मुताबिक किसी भी गाड़ी के आरटीओ आफिस में आने के बाद एंट्री की जाती है और फाइल एआरटीओ के पास भेज दी जाती है. ऐसे में गड़बड़ी कहां हुआ ये समझा जा सकता है. ये मामला अब काफी पेचीदा हो गया है. ट्रक आरटीओ आया नहीं और उसका रजिस्ट्रेशन हो गया. इस मामले की अब जांच शुरू हो गई है. जिसके बाद ही साफ हो सकेगा कि आखिर आरटीओ में कहां पर खेल खेला जा रहा है. 


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