UP News:  कानपुर (Kanpur) से सपा विधायक अमिताभ बाजपाई (Amitabh Bajpai) ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि जन प्रतिनिधियों से प्रमाणपत्रों के सत्यापन का काम ना करवाया जाए क्योंकि ऐसा करने पर जनप्रतिनिधियों को जबरन मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा जा रहा है. अमिताभ बाजपेई ने ऐसा इऱफान सोलंकी (Irfan Solanki) पर दर्ज एक मामले के बाद कहा है. वहीं, कानपुर से ही बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा है कि एक जनप्रतिनिधि अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता. जनता का काम करने के लिए थोड़ा कष्ट भी उठाना पड़े तो उठाना चाहिए. 


अखिलेश यादव का कहना है कि सपा सरकार के निशाने पर है इसलिए एक-एक कर  झूठे मुक़दमों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है. कानपुर से सपा विधायक इऱफान सोलंकी को महाराजगंज जेल भेज दिया गया है. इस बीच अपने साथी विधायक पर दर्ज हुए मुकदमों से खिन्न नज़र आ रहे अमिताभ बाजपेई ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने मांग रखी है कि किसी भी तरह के सत्यापन का काम विधायकों से ना कराया जाए. आधार, पैन, चरित्र और वोटर आईडी से लेकर तमाम जगहों पर विधायकों को जनता को सर्टिफिकेट देना पड़ता है. जिसके बाद उन्हीं जन प्रतिनिधियों को मुसीबत झेलनी पड़ती है.


सत्यापन के काम के लिए स्टाफ की मांग


अमिताभ बाजपेई ने सतीश महाना से मांग करते हुए इस व्यवस्था को खत्म करने की अपील की है. सपा विधायक ने ये भी लिखा है कि इन कामों के लिए सभी विधायकों को स्टाफ दिया जाए. अमिताभ बाजपाई के विरोध में सत्ता पक्ष के विधायक ही उतर आए हैं. कानपुर के विधायक सुरेंद्र मैथानी का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झड़ना चाहिए. दरअसल सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ कानपुर पुलिस ने ग़ैरकानूनी रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक की गलत जमानत लेने का मामला दर्ज किया है. इऱफान ने कानपुर पुलिस द्वारा पकड़े गए बांग्लादेशी मूल के नागरिक के समर्थन में अपना हस्ताक्षर की हुई चिट्ठी जारी की थी.  


ये भी पढ़ें -


UP Politics: बीजेपी के वोट बैंक पर बसपा की निगाह, पार्टी ने इस फैसले के जरिए चला बड़ा दांव