Kanpur News: सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) महाराजगंज जेल (Maharajganj Jail) में बंद हैं और उनका परिवार जेल के बाहर बेहद परेशान है. समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी जाजमऊ इलाके में हुए जिस आगजनी केस को लेकर महाराजगंज जेल में बंद हैं उसे लेकर इरफान के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से मुलाकात की है. इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी, उनकी देवरानी और देवर अरशद आज पुलिस ऑफिस पहुंचे जहां उनके साथ समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई और मोहम्मद हसन रूमी भी रहे. 


इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी ने आरोप लगाया है कि जिस विवादित प्लॉट पर आगजनी को लेकर विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी जेल में बंद हैं उस पर अवैध रूप से पीड़ित नजीर फातिमा द्वारा निर्माण कराया जा रहा है जो बिल्कुल गलत है. अपने वकील के साथ पहुंची नसीम सोलंकी ने कहा है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है. और ऐसे में उस विवादित प्लॉट पर किसी भी तरह का निर्माण नहीं कराया जा सकता और यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए.


सोलंकी परिवार के साथ इस मौके पर शहर के दोनों समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद हसन रूमी और अमिताभ बाजपेई भी रहे. अमिताभ बाजपेई ने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से बात करते हुए कहा कि मौके पर यथास्थिति बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है. यही नहीं मौके पर पुलिस कमिश्नर के द्वारा कुछ सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने चाहिए जिससे यथास्थिति में किसी तरह के बदलाव आने की दशा में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. यहां अमिताभ बाजपेई ने नसीम सोलंकी और उनके परिवार की सुरक्षा की मांग भी पुलिस कमिश्नर से कर डाली.


पड़ताल की जाएगी- पुलिस कमिश्नर
इस मौके पर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड का कहना है कि सोलंकी परिवार और समाजवादी पार्टी के विधायकों द्वारा जो शिकायत मिली है उसकी पड़ताल की जाएगी और सुरक्षा के बारे में जो चिंता परिवार के द्वारा बताई गई है उस पर भी गौर करते हुए जल्द ही उपयुक्त कदम उठाया जाएगा.


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सोलंकी परिवार का शुरुआत से यह कहना रहा है कि जिस प्लॉट को विवादित बताया जा रहा है और जिस पर नजीर फातिमा का कब्जा है वह रिजवान सोलंकी के नाम कागजों में दर्ज है और केडीए से पूरे विधि विधान के साथ लिया गया है. ऐसे में सोलंकी परिवार की चिंता यह है कि अगर नजीर फातिमा ऐसे ही धीरे-धीरे बदलाव करती रही तो उनके हाथ से कहीं ये प्लॉट निकल न जाए और उनके समर्थकों में उनकी इमेज जबरन मकानों पर कब्जा करने वालों की ना बन जाए.