उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक निजी स्कूल में छात्रों को प्रार्थना के दौरान 'कलमा' पढ़ाए जाने पर विवाद हो गया. कई अभिभावकों ने स्कूल जाकर विरोध दर्ज कराया है. हालांकि स्कूल की ओर से कहना था कि सुबह सभी धर्मों की प्रार्थनाएं कराई जाती हैं. मामला बढ़ता देख मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने सबको शांत कराया और इसके बाद  स्कूल प्रबंधक के खिलाफ विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.


वहीं स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया है स्कूल की स्थापना साल 2003 में हुई थी तभी से सुबह प्रमुख धर्मों, हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई से जुड़ी प्रार्थनाओं का सुबह पाठ किया जाता है. लेकिन अब इस विवाद के सामने आने के बाद इन्हें बंद कर दिया गया है और इनकी जगह राष्ट्रगान गाया जाएगा.


क्या कहता है यूपी का धर्म परिवर्तन कानून
बीते साल काफी शोर-शराबे के बीच कानून ( विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून)  से संबंधित बिल को यूपी  विधानसभा में पास किया गया था. इस बिल को उस समय 'एंटी लव जिहाद बिल' भी कहा गय था. हालांकि इस कानून में मुख्य बातें धर्म परिवर्तन से जुड़ी हैं.
1- कानून के मुताबिक उस शादी को रद्द किया जा सकता है जिसका उद्देश्य सिर्फ धर्म परिवर्तन कराना है. शादी के लिए धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी.
2- कानून के मुताबिक कोई भी शख्स किसी अन्य लाभ, प्रभाव, किसी के बहकावे, जबरदस्ती, लालच या किसी धोखाधड़ी, शादी, न तो किसी के उकसावे या साजिश के तहत धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता है.
3- कानून के मुताबिक इस तरह के धर्म परिवर्तन के खिलाफ शख्स (जिसका धर्म परिवर्तन कराया गया है) के माता-पिता, भाई-बहन और खून के रिश्ते में आने वाले लोग एफआईआर दर्ज करा सकते हैं.


क्या है स्कूलों में प्रार्थना का नियम
इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई संस्था सरकारी पैसे से चलती है तो वहां पर धार्मिक गतिविधियां नहीं हो सकती हैं. इस दायरे में सरकारी स्कूल भी आते हैं. हालांकि कानपुर में जिस स्कूल का मामला है वो प्राइवेट है.


अदालत में कितना टिकेगा केस?
इस मामले में कानूनी सलाह के तौर पर कानपुर के ही वकील आशीष त्रिपाठी से बात की गई तो तो उनका कहना था कि स्कूलों में ऐसी प्रार्थनाएं होती रही हैं जो सभी धर्मों के लिए स्वीकार हों. और इस तरह के मामलों में जोर जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए. हालांकि उनका ये भी कहना था कि स्कूल प्रबंधन ने सभी धर्मों के लिए प्रार्थनाएं कराता था इसलिए यहां पर उनकी मंशा पर कोई सवाल नहीं उठता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर यूपी में बनाए गए विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के तहत अगर मुकदमा दर्ज किया गया है तो उन्हें नहीं लगता है कि ये मामला ज्यादा देर तक टिक पाएगा.


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