UP News:  कानपुर (Kanpur) में मोतियाबिंद (Cataracts) ऑपरेशन के बाद छह बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चली गई. इसके बाद जांच टीम जीएसवीएम कॉलेज (GSVM College) पहुंची.  मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में इन सभी रोगियों की आंखों टेस्ट किया गया. इसकी रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के चलते इनकी आंखों की रोशनी गई है या संक्रमण ने इनकी रोशनी छीन ली.


18 लोगों का शहर के नर्सिंग होम में हुई थी सर्जरी


शिवराजपुर के सुघरदेवा गांव के ये लोग काफी परेशान हैं. हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में जांच कराने पहुंचे इन लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है. बीते 2 नवंबर को 18 लोगों की आंखों की जांच के बाद यह पता चला कि इनको मोतियाबिंद के ऑपरेशन की जरूरत है. कानपुर के बर्रा इलाके में स्थित आराध्या नर्सिंग होम के डॉ नीरज गुप्ता द्वारा इनकी आंखों का ऑपरेशन किया गया. 18 में 12 पूरी तरह स्वस्थ रहे लेकिन छह लोगों की रोशनी चली गई. इस बीच कुछ लोग कानपुर महानगर के सीएमओ डॉक्टर आलोक रंजन से मिलने पहुंचे और उनसे शिकायत की जिसके बाद मामला सामने आया. जांच समिति के प्रमुख डॉ एसके सिंह का कहना है कि टीम स्थिति को जांचने में जुटी हुई है.


दो मरीजों की आंखों में आ सकती है रोशनी
सीएमओ डॉ आलोक रंजन ने तीन सदस्यों की कमेटी गठित की है. एसीएमओ और आई प्रोजेक्ट प्रभारी डॉ एसके सिंह के नेतृत्व वाली इस कमेटी में डॉ सुबोध प्रकाश और मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रभारी डॉ परवेज़ शामिल हैं. डॉक्टर परवेज़ और डॉक्टर शालिनी मोहन ने अपने सहयोगी डॉक्टरों के साथ एक-एक कर इन सभी लोगों की आंखों की तमाम जांच की. रिपोर्ट में बताया गया है कि चार लोगों की आंखों की रोशनी आने की उम्मीद कम है लेकिन दो मरीजों में उम्मीद नजर आई है. 


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