Kanpur Smart City Mission: यूपी (UP) में कानपुर स्मार्ट सिटी मिशन के प्रोजेक्ट को कानपुर विकास प्राधिकरण (Kanpur Development Authority) की सरकारी चिट्ठी से ग्रहण लग सकता है. यह चिट्ठी किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि खुद केडीए ने नगर आयुक्त को जारी की है. कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Kanpur Smart City Limited) के तहत सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे निर्माण के मानचित्र को लेकर कानपुर विकास प्राधिकरण ने सवाल खड़ा कर दिया है. पत्र जारी होने के बाद अधिकारी खेमे में जबरदस्त उठापटक शुरू हो गई है. यही नहीं मामला शासन तक पहुंच चुका है.


दरअसल कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत शहर में कई सौ करोड़ रुपये की लागत से तमाम बड़े प्रोजेक्ट पर काम जारी है. स्मार्ट रोड, कन्वेंशन सेंटर, स्मार्ट पार्किंग, इंडोर स्टेडियम समेत अन्य ड्रीम प्रोजेक्ट पर दिन-रात कम चल रहा है. इनमें से कुछ प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं, जो लगभग पूरे हो चुके हैं. इनकी इमारतें भी तन कर खड़ी हो गई हैं. शहर के अफसर उद्घाटन की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन कानपुर विकास प्राधिकरण की तरफ से छोड़ा गया यह पत्र प्रोजेक्ट के लिए ग्रहण बन सकता है.


अफसरों के बीच कोल्ड वॉर जारी
सितंबर महीने में जारी किया गया यह पत्र अब तक बेहद गोपनीय रखा गया था, लेकिन अब यह सामने आ चुका है. इस पत्र में जो कुछ लिखा है, वह शासन की मंशा के अनुरूप है. पत्र के पीछे के खेल में अफसरों की आपसी खींचतान को साफ तौर पर समझा जा सकता है. मामला बेहद गंभीर और विवादास्पद दिखता है. इस पत्र से स्पष्ट है कि अफसरों के बीच कोल्ड वॉर जारी है. हालांकि, इस विषय पर कोई भी अधिकारी खुल कर बात करने से बच रहा है.


बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में केडीए भी शामिल
स्मार्ट सिटी योजना केंद्र और राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जानकारों के मुताबिक कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की कोर टीम यानी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में केडीए भी शामिल है. जानकारों का कहना है कि अगर स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यों में मानचित्र को लेकर कोई संदेह या आपत्ति थी तो इसके बारे में पूर्व में ही अवगत कराया जाना चाहिए था. प्रोजेक्ट की स्वीकृति को लेकर बोर्ड और डायरेक्टर्स में शामिल सभी अधिकारियों के हस्ताक्षर होते हैं. उसमें कोई प्रश्न या आपत्ति नहीं की गई, लेकिन अब इस प्रकार का पत्र जारी करना सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े करने जैसा प्रतीत होता है.


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40 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
कानपुर विकास प्राधिकरण के सचिव शत्रोहन वैश्य की तरफ से जारी इस पत्र में प्रमुख सचिव आवास की मंशा अनुरूप काम करने का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड यानी केएससीएल की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्यों के लिए नक्शा अप्रूव करवाना बेहद जरूरी है. ऐसा नहीं होने की स्थिति में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसके बाद उन प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग सकता है, जो कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत किए जा रहे हैं. इनमें 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा कन्वेंशन सेंटर और 40 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा पालिका स्टेडियम में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स शामिल है.


केडीए के अधिकारियों ने कुछ बोलने के किया इनकार
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में कई सौ करोड़ रुपये के निर्माण कार्य हो रहे हैं और इस पत्र का अगर अनुपालन कराया जाता है, तो यह सभी प्रोजेक्ट बिना नक्शा पास किए जाने के चलते अधर में अटक सकते हैं. ऐसे में जब एबीपी गंगा ने कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से इस बाबत जानकारी चाही, तो उन्होंने बोलने से साफ इनकार कर दिया, लेकिन नगर आयुक्त और कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ शिव शरणप्पा जीएन नियमों के तहत कार्रवाई की बात जरूर करते हैं.


केडीए के पत्र ने खड़े हुए कई सवाल
स्मार्ट सिटी मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है. उत्तर प्रदेश की छवि दूसरे प्रदेशों की तुलना में बेहतर है. प्रोजेक्ट में क्वालिटी और डेड लाइन का खास ख्याल रखा जा रहा है, लेकिन केडीए के पत्र ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं. केडीए ने जो लेटर बम छोड़ा है, उसका असर भी स्पष्ट नजर आ रहा है. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बने निर्माण के मानचित्र की स्वीकृति को लेकर स्मार्ट सिटी से जुड़े बड़े अफसर में मंथन शुरू हो चुका है. केडीए के पत्र का नगर निगम की ओर से क्या जवाब दिया गया है, क्या दिया जाएगा? यह तो फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि इस पत्र के बाद अफसर और सरकारी विभागों में पाल खींचा हुआ नजर आता है.