Kanpur University में कुलपति के खड़ाऊ लेकर धरने पर बैठे सपा विधायक अमिताभ बाजपई, लगाए ये गंभीर आरोप
Kanpur University: सपा विधायक ने कानपुर यूनिवर्सिटी कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि जिनकी डिग्री भी फर्जी है जिनके काम में भ्रष्टाचार भी पाया गया है, तब भी वो पद पर कायम हैं.
Samajwadi Party MLA Protest: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक अमिताभ बाजपेई ने सोमवार को छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी (Kanpur University) के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. सपा विधायक आज सुबह अपने समर्थकों के साथ यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंचे, और कुलपति का विरोध करते हुए सम्मान समारोह का आयोजन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं ऐसे में कौन सी मजबूरी है कि उन्हें अब तक कुलपति पद से हटाया नहीं गया है.
सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति विनय पाठक पर हमला बोलते हुए कहा कि कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति 2 महीने से लापता है. उनकी खड़ाऊ रखकर यूनिवर्सिटी में कामकाज चलाया जा रहा है, ऐसी कौन सी मजबूरी है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे और एसटीएफ की जांच का सामना कर रहे पाठक की जांच अब सीबीआई तक पहुंच गई है, लेकिन पाठक को अब तक कुलपति पद से हटाया नहीं गया है.
सपा विधायक ने किया विरोध प्रदर्शन
अमिताभ बाजपेई ने विनय पाठक पर आरोप लगाते हुए कहा कि 29 अक्टूबर को एक रिपोर्ट दर्ज होती है. लखनऊ में भ्रष्टाचार की उसकी जांच होती है. दो-तीन लोग जेल जाते हैं, कुलपति का स्पष्ट नाम है. स्पष्ट आरोप आता है, लेकिन आज तक कुलपति जांच कमेटी के सामने हाजिर नहीं हुए, क्योंकि कुलपति साहब तो ग्रेट है. वह आज भी पद पर कायम हैं और उसके बाद उनकी सैलरी भी आ रही है. उन्होंने कुलपति पर तंज कसते हुए कहा कि उनका काम उनकी खड़ाऊ कर रही है. हम उनका सम्मान करने आए हैं.
सपा विधायक ने कहा कि जिनकी डिग्री भी फर्जी है जिनके काम में भ्रष्टाचार भी पाया गया है, जिन्होंने हजारों करोड़ों का घोटाला भी किया है, तब भी वो पद पर कायम हैं. ऐसे महान आदमी का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनका विरोध करने की तो हमारी हिम्मत ही नहीं है. यहां पर कितनी पुलिस लगा रखी है. अगर इसकी चौथाई पुलिस भी कुलपति के लिए लगाई होती तो कुलपति साहब पकड़ में आ गए होते, क्योंकि शासन-प्रशासन सरकार की जीरो टॉलरेंस की वजह से इस मामले को सीबीआई को दिया जा रहा है ताकि इस मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा सके.
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