कानपुर, एबीपी गंगा। कानपुर के एक्सीडेंट के मामले स्वरूप नगर के इंस्पेक्टर अश्वनी पांडे फंस गए हैं. डीआईजी ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. बता दें कि बीते दिनों हैलट पुल पर कार सवार कुछ लोगों ने बाइक सवार को टक्कर मार कर घायल कर दिया था. इंस्पेक्टर पर पूरे मामले में अधिकारियों को गुमराह करने और मामला रफा दफा करने के आरोप हैं. पुलिस ने इस मामले में कार सवार आरोपियों को छोड़ दिया. लेकिन जब मामला बढ़ा तो पुलिस को दबाव में आरोपियों को गिरफ्तार करना पड़ा.


असल, स्वरूपनगर थाना क्षेत्र में 6 अगस्त को देर रात में एक तेज रफ्तार एसयूवी कार ने बाइक सवार को टक्कर मारी दी. टक्कर से बाइक सवार युवक जख्मी हो गया. घटना के बाद जब पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो दोनों युवक उनसे भी उलझ गए. दोनों युवकों ने खुद को कैबिनेट मंत्री का रिश्तेदार बताया. जिसके बाद पुलिस ने दोनों को मौके से पुलिस थाने में ले आई. यहां उन्हें छोड़ दिया गया. कार पर विधायक के सचिवालय का पास लगा था.


बाद में जांच के दौरान पता चला कि कार में लगा विधायक के सचिवालय का पास फर्जी है. तब इस मामले में स्वरूपनगर इंस्पेक्टर की भूमिका पर सवाल उठे. आला अधिकारियों के मुताबिक इंस्पेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी अधिकारियों को नहीं दी. साथ ही सर्किल ऑफिसर को भी गुमराह करते रहे. जबकि उन्हें घटना की पूरी जानकारी थी. इसीलिए अब इस्पेंक्टर पर गाज गिर सकती है.


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