कानपुर में चायवाले ने पेश की मिसाल, 5 हजार बेसहारा बच्चों को पढ़ाया, उठाते है पूरा खर्च
Kanpur News: कानपुर में चाय बेचने वाले महबूब ने 13 साल पहले बेसहारा बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था, वो अब तक 5 हज़ार से ज्यादा बच्चों को पढ़ा चुके हैं. उनके पढ़ाए बच्चे बड़े स्कूलों में पढ़ रहे हैं.
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक छोटी सी चाय की दुकान लगाने वाले शख्स ने शानदार नजीर पेश की है. जहां चाय बेचकर थोड़े बहुत पैसे कमाने वाले महबूब मलिक बेसहारा बच्चों का सहारा बन गए और उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई. महबूब ने 13 साल पहले बच्चों के पढ़ाने का सपना देखा और तब से अब तक 5 हजार बच्चों को निःशुल्क पढ़ाई करा चुके हैं. महबूब इन बच्चों की कॉपी-किताब से लेकर स्कूल की ड्रेस व अन्य तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं. अपने इस काम के लिए सम्मान भी मिल चुका हैं.
कानपुर के काकादेव के रहनेवाले महबूब मालिक शहर के उन तमाम बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं जो बेसहारा है, कुछ पैसों के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाते थे या फिर कूड़ा उठाने और छोटा-मोटा काम करके अपना और अपने परिवार को पालन पोषण करने में लगे रहते है. महबूब ऐसे बच्चों के जीवन में शिक्षा का प्रकाश लाने का मन बनाया और 13 साल पहले ऐसे बच्चों को पढ़ाने का संकल्प लिया.
बेसहारा बच्चों के जीवन में भरा शिक्षा का उजाला
महबूब ने जब शुरू में इसकी शुरुआत की तो बच्चों को शिक्षा तक लाने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी. जिसके बाद धीरे-धीरे बच्चे उनके साथ जुड़ते चले गए और इन सालों में उन्होंने शहर से 5 हजार बच्चों को अपनी मुहीम का हिस्सा बना लिया. उन्होंने स्वयं सेवी संस्था मां तुझे सलाम बनाई, जिसमें कक्षा 1 से 5 तक बच्चों को शिक्षा दी जाती है. आज महबूब से पढ़ने वाले बच्चे शहर के नामी-गिरामी स्कूलों में आगे की पढ़ाई कर रहे हैं.
चाय की दुकान से महबूब की जो भी कमाई होती है उसका 80 प्रतिशत हिस्सा वो बच्चों की पढ़ाई में देते हैं. उनके इस काम के लिए उन्हें तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक के हाथों सम्मान भी मिल चुका है. महबूब का कहना है कि जब एक चाय बनाने वाले देश के प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा कर सकते हैं तो हम क्योंकि नहीं. महबूब के साथ शहर के कई हाथ जुड़ गए हैं. उनका सपना है कि वो एक ऐसा स्कूल बनाए जिसमें और ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर सके.
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