Kanpur News: पालतू कुत्ते हों या आवारा कभी पॉर्श सोसायटी तो कभी तरह चलते सड़कों पर अटैक करते कुत्ते और उनके शिकार हुए लोग मिलते हैं. लेकिन शहर में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा गया है कि पर चलना भी सुरक्षित नहीं है ऐसे में फुटपाथ के किनारे रहने वाले तमाम ऐसे परिवार है जो अपनी जिंदगी सड़कों के किनारे ही गुज़ार रहे है. सड़क पर सोने वाले एक परिवार के दो मासूम बच्चों को करें 8 से 10 कुत्तों ने शिकार बना लिया. उसके बाद नोच-नोच कर एक एक बच्चे को मौत के घाट उतारा और दूसरे को मरने की हालत में बचाया गया.


दरअसल कानपुर शहर के गोविंद नगर के सीटीआई के पार सड़क पर कई खानाबदोश लोग रोज मेहनत मजदूरी कर अपनी जिंदगी जी रहे हैं. ऐसे में एक परिवार जब अपने बच्चों के साथ सो रहा आया तभी देर रात सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों के एक झुंड ने इस परिवार के दो बच्चों को अपना शिकार बना लिया. सोते हुए इस परिवार के दो बच्चों को कुत्तों ने बड़ी ही चालाकी से अपने जबड़ों से उठा लिया और परिवार को भनक भी नहीं लगी और फिर जैसे ही कुत्तों ने बच्चों को नोंचना शुरू किया तो चीख पुकार मच गया.


एक बच्चे की मौत जबकि एक घायल
परिवार कुत्तों के जबड़ों से अपने मासूमों को छुड़ाने की कोशिश करता रहा लेकिन कुत्तों ने 5 साल की खुशी को मौत के घाट उतार दिया और और दूसरे मासूम जिसकी उम्र एक साल है वो अभी गंभीर घायल अवस्था में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. जिसे कानपुर के हैलट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.


कब लगेगा इन आवारा कुत्तों पर लगाम
 5 साल के बच्चे की मौत से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. एक बच्चे की मौत और दूसरे की जिंदगी अधर में है.ऐसे में परिवार पूरी तरह से टूट चुका था. लेकिन शहर में आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने वाला कोई भी जिम्मेदार नहीं दिखाया दे रहा है. वैसे यह जिम्मेदारी नगर निगम की हैं लेकिन कोई भी अधिकारी न इसे देखने वाला है न ही कोई सुनने वाला है.आखिर कब इन आवारा कुत्तों पर लगाम लगेगा. 


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