Kanpur Train Accident: कानपुर में एक महीने के भीतर दो ट्रेन हादसों से रेल प्रबंधन और पुलिस महकमा हरकत में आ गया है. साबरमती एक्सप्रेस और कलिंद्री एक्सप्रेस को डीरेल करने की नाकाम कोशिश हुई. फिलहाल दोनों घटनाओं में पुलिस, रेलवे और जांच एजेंसियों के हांथ पूरी तरह से खाली है. उसी को नजर में रखते हुए अब रेलवे, रेल लाइन के किनारे बसी बस्तियों को हटाने की तैयारी कर चुका है.
कानपुर में उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम और कानपुर पुलिस कमिश्नर ने हादसों से बचने के लिए रेल ट्रैक के किनारे बसी बस्तियों को हटाने की योजना बनाई है. इससे इस तरह की घटना पर रोक लगने का अनुमान है. उत्तर मध्य रेल के डीआरएम हिमांशु बडोनी और कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने संयुक्त बैठक की. इसी के साथ मांधना स्टेशन से लेकर गंगा घाट तक के रेलवे ट्रैक का निरीक्षण किया. जिसके बाद अधिकारियों ने तय किया कि ट्रेन हादसों को रोकने के लिए सबसे पहले रेल के ट्रैक के किनारे रहने वाले अवैध लोगों को और उनकी बस्तियों को हटाया जाए.
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने क्या कहा?
वहीं पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि, रेल लाइन के किनारे रहने वाले परिवारों को स्थाई रूप से हटाने की योजना बनाई गई है जिससे रेल ट्रैक खाली रहेगा. कोई भी संदिग्ध बेवजह रेल ट्रैक के पास नही निकल सकेगा. इससे पहले कई लोग अवैध रूप से रेल लाइन के किनारे बस्तियों में बसे हैं. हर किसी की तस्दीक करना या बार बार की तस्दीक करना मुश्किल होता है. वहां से गुजरने वाला शख्स कोई संदिग्ध है.
फिलहाल पुलिस से लेकर रेल प्रबंधन घटना का खुलासा के लिए तेजी से लगे हैं लेकिन हाथ अभी भी खाली है. नई योजनाएं कितनी कारगर साबित होंगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन रेल की एक बोगी में बैठकर रेल प्रबंधन और पुलिस के आलाधिकारी कई किलोमीटर तक रेल ट्रैक के किनारे का निरीक्षण किया. कानपुर सेंट्रल पहुंचकर फिर योजना तैयार की है.
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