Kanpur University Exam Fee: कोरोना काल (Corona Period) में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के नाम पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University) कानपुर (Kanpur) की तरफ से दो बार परीक्षा शुल्क (Exam Fee) लिया जा रहा है. विश्वविद्यालय (University) का ये कदम छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. विश्वविद्यालय का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों से सेमेस्टर प्रणाली (Semester System) के हिसाब से परीक्षा शुल्क लिया जाएगा, जो फीस वृद्धि कतई नहीं है. लेकिन, शिक्षक संघ (Teachers Union) इसका जबरदस्त विरोध कर रहा है और इस बाबत सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र भी लिख दिया गया है. वहीं, छात्र भी इस शुल्क वृद्धि से नाखुश हैं.  


छात्रों में रोष
छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय में अब नई शिक्षा नीति के आधार पर पढ़ाई कराई जाएगी. स्नातक कोर्स में सेमेस्टर प्रणाली लागू हो गई है और अब स्नातक स्तर कोर्स में साल भर में होने वाली परीक्षा की जगह हर 6 माहीने में परीक्षाएं होंगी. कानपुर विश्वविद्यालय में पहले साल भर की परीक्षा का शुल्क एक साथ एक बार में लिया जाता था. लेकिन, अब बदली हुई व्यवस्था में ये शुल्क एक बार नहीं बल्कि दो बार लिया जाएगा. इसे लेकर छात्रों में काफी रोष देखा जा रहा है. 


अंतिम सत्र में 1000 रुपये और लिए जाएंगे
दरअसल, स्नातक स्तर पर परीक्षा शुल्क 685 रुपये है जिसे छात्रों को नई शिक्षा नीति के मुताबिक सेमेस्टर प्रणाली में पढ़ाई करने के लिए साल में दो बार देना पड़ेगा. यानी 3 साल के 6 सेमेस्टर की पढ़ाई में स्नातक कोर्स करने वालों को 4110 रुपये देने होंगे. जबकि पहले 2110 रुपये विश्वविद्यालय द्वारा लिया जाता था. इसके साथ ही अंतिम सत्र में 1000 रुपये और भी लिए जाएंगे. 


बढ़ा हुआ शुल्क देना पड़ेगा
कानपुर विश्विद्यालय शिक्षक संघ यानी कूटा की मानें तो अब छात्रों को स्नातक स्तर पर बढ़ा हुआ शुल्क देना पड़ेगा. मसलन बीएससी में पहले करीब 3200 रुपये के करीब फीस एक साल की देनी होती थी लेकिन अब सिंगल सेमेस्टर की 4266 रुपए देनी होगी. बीए फर्स्ट ईयर के लिए एक साल में छात्र 2200 रुपये फीस भरते थे जो अब बढ़कर 3246 रुपए प्रति सेमेस्टर जाएगी. वहीं, पीएचडी के लिए पहले एकमुश्त 25000 हजार रुपये देने होते थे लेकिन अब एक साल में 35000 रुपये चुकाने होंगे. यानी अगर पीएचडी छात्र 2 साल में अपनी पीएचडी पूरी करता है तो उसे 25000 की जगह 70000 रुपये तक चुकाने होंगे.  


परीक्षा शुल्क ऑनलाइन जमा किया जाएगा
नई शिक्षा नीति में निर्देश ये भी है कि परीक्षा शुल्क ऑनलाइन जमा किया जाएगा जिसे स्टूडेंट्स खुद ही जमा करेंगे. विश्वविद्यालय के इस कदम से डिग्री कॉलेजों में इसे लेकर भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है. लेकिन, कानपुर विश्विद्यालय के कुलपति विनय पाठक की मानें तो इसे फीस में वृद्धि नहीं कहा जा सकता है. नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर प्रणाली में एग्जाम होंगे जिसके लिए दोहरे खर्चे होंगे इसलिए सेमेस्टर के हिसाब से फीस ली जा रही है. कुलपति का ये भी कहना है कि कानपुर यूनिवर्सिटी की फीस पहले ही अन्य विश्विद्यालयों की अपेक्षा में बहुत कम है. लखनऊ यूनिवर्सिटी की तुलना में ये आधी ही है. ऐसे में इसे लेकर उठ रहे विवाद का कोई औचित्य नहीं.



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