Kanpur: कानपुर में 3 मंदिरों को हटाने को लेकर नोटिस पर मचा बवाल, हिंदूवादी संगठनों ने बजाया विरोध का बिगुल, जानिए पूरा मामला
कानपुर महानगर में नगर निगम ने तीन मंदिरों को अवैध अतिक्रमण मानते हुए हटाने का नोटिस जारी किया है, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. हिंदूवादी संगठनों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है.
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दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई अतिक्रमण की कार्रवाई के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में भी ऐसा ही मामला गरमा गया है. कानपुर के कंपनी बाग रोड के हनुमान मंदिर पर नगर निगम (Kanpur Municipal Corporation) का नोटिस चस्पा हुआ है. तीन दिन की मोहलत में हनुमान की मूर्ति को कहीं और स्थापित करने के लिए कहा गया है. वहीं पास के शिव मंदिर और शनिदेव मंदिरों को भी हटाने के नोटिस चस्पा हुए हैं.
अतिक्रमण माना गया
कानपुर महानगर में नगर निगम ने तीन मंदिरों को अवैध अतिक्रमण मानते हुए हटाने का नोटिस जारी कर दिया है जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. कंपनी बाग स्थित इन तीनों मंदिरों को लेकर आयकर विभाग कॉलोनी की तरफ से नगर निगम में शिकायत की गई थी जिसके बाद नगर निगम के जोनल अधिकारियों द्वारा तीनों मंदिरों को अवैध अतिक्रमण और फुटपाथ पर बना हुआ माना गया. 3 दिन के भीतर इन्हें हटाने का फरमान भी जारी कर दिया गया. इसके बाद मंदिर प्रबंधन, इसकी देखरेख करने वाले लोग और तमाम हिंदूवादी संगठनों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है.
हटाने का नोटिस जारी
दरअसल आयकर आयुक्त यूपी और उत्तराखंड द्वारा की गई शिकायत का हवाला देते हुए नगर निगम ने नोटिस चस्पा किया है जिसमें कहा गया है कि लक्ष्मण बाग इनकम टैक्स कॉलोनी के बाहर अवैध अतिक्रमण करके मंदिर का निर्माण कराया गया है. शिकायत पर जोनल अधिकारी पूजा त्रिपाठी ने 3 मंदिरों को हटाने का नोटिस जारी किया है. इसे लेकर हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जमीन-आसमान एक कर दिया है. वे कह रहे हैं कि अगर मंदिर अतिक्रमण भी है तब भी नहीं हटना चाहिए.
पुजारी का क्या कहना है
शनि देव मंदिर के पुजारी अर्जुन पंडित की माने तो 25 सालों से मंदिर बना हुआ है. कभी कोई विवाद नहीं हुआ है. इस सरकार में भी मंदिर तोड़ने की बात कही जा रही है. इन मंदिरों की देखरेख करने वालों का कहना है कि मंदिर की वजह से किसी का कार्य बाधित नहीं हो रहा है. अब हिंदू संगठनों ने नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि आखिर मंदिर को कैसे तोड़ा जा सकता है. मंदिर यहीं रहेगा. वहीं इस मामले में मेयर प्रमिला पांडे भी हिंदूवादी संगठनों के साथ खड़ी दिखती हैं.
जोनल अधिकारी का क्या कहना है
वहीं नगर निगम के नोटिस पर मचे हड़कंप के बीच नगर आयुक्त का कहना है कि उन्हें इस विषय पर कुछ पता ही नहीं है. मामले में जोनल अधिकारी-4 पूजा त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर की आड़ में अवैध निर्माण लगातार किया जा रहा है. एक कमरा बनाकर कई लोग उसमें रह रहे हैं. कुछ अराजक तत्व भी आयकर कॉलोनी में हंगामा करते हैं. इसकी शिकायत नगर आयुक्त से मिलकर आयकर विभाग कमिश्नर ने की थी. अवैध निर्माण हटाने के लिए नोटिस चस्पा किया गया है. हालांकि इस बीच एक सच्चाई ये भी सामने आई है कि पूरे कानपुर में कितने अवैध मंदिर और मस्जिद बने हुए हैं इसका कोई भी डेटा नगर निगम के पास मौजूद नहीं है.
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