Uttar Pradesh News: यूपी के कानपुर (Kanpur) में लापरवाही से आंखों की रोशनी जाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपी डॉक्टर और उसकी एजेंट पर मुकदमा दर्ज हो गया है. अब फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है. मरीजों को हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया है. मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 6 लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर नीरज गुप्ता और एजेंट दुर्गेश शुक्ला के खिलाफ बर्रा थाने में FIR दर्ज कर ली गई है. इस अंतरिम जांच रिपोर्ट में मेडिकल नेगलिजेंस का केस माना गया है.
सड़ चुकी हैं 4 की आंखें
मोतियाबिंद का पहले ऑपरेशन कराने वाले 2 और मरीजों की आंखों की रोशनी में भी गड़बड़ी मिली है. हालांकि ये मरीज 2020 में अपना ऑपरेशन करवाए थे. बर्रा थाने में दर्ज हुए मुकदमे में लापरवाही को मानी गई है. मेडिकल कॉलेज में 6 में से 5 पीड़ितों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. हालांकि मेडिकल कॉलेज के एक्सपर्ट पहले ही बता चुके हैं कि 6 में से 4 मरीजों की आंखें करीब करीब सड़ चुकी हैं. हालांकि 2 मरीजों के आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद जताई जा रही है.
लापरवाही का हुए शिकार
वहीं बर्रा के आराध्या आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले बुजुर्गों की रोशनी चली गई है. अब तक 6 बुजुर्ग डॉक्टर की लापरवाही का शिकार हो चुके हैं. शिवराजपुर के सुघर देवा गांव के पीड़ितों को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया. इसके साथ ही 2 नए मामले भी सामने आ गए हैं. हालांकि इनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन साल 2020 में किया गया था. इसके बाद सीएमओ के निर्देश पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और अस्पताल के एजेंट के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
पीड़ितों को हैलट अस्पताल में ही भर्ती कराकर इलाज किया जा रहा है. जांच टीम के सामने 3 नवंबर को आराध्या अस्पताल में ऑपरेशन कराने वाली शिवराजपुर के गुदरा गांव की ज्ञानवती भी पहुंचीं. हैलट के नेत्र रोग विभाग के प्रभारी डॉ परवेज खान ने जांच के बाद पाया कि जिस आंख का ऑपरेशन किया गया उसमें संक्रमण की वजह से रोशनी चली गई. इसके बाद 13 मार्च को ऑपरेशन कराने वाले बर्रा के राम आसरे शुक्ला अपनी परेशानी बताने पहुंच गए. राम आसरे काफी देर तक भटकते रहे और उन्होंने बताया कि आराध्या अस्पताल के डॉ नीरज गुप्ता इलाज नहीं कर रहे. डॉक्टर खान ने परीक्षण किया तो पाया की आंख में रोशनी नहीं है.
सुघरदेवा गांव के 6 बुजुर्गों का डॉक्टर परवेज खान और डॉक्टर शालिनी मोहन ने परीक्षण किया. रमेश, मुन्नी, सुल्ताना और ज्ञानवती की आंखें संक्रमण की वजह से गल गईं हैं. शेर सिंह और राजाराम की आंखें बचाने की कोशिश जारी है. फिलहाल फाइनल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है जिसके बाद स्थिति काफी कुछ स्पष्ट हो पाएगी.