Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार फरवरी में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Global Investors Summit) से पहले हर जिले में जाकर उद्यमियों को लुभाने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में आज औद्योगिक विकास मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Minister Nand Gopal Gupta Nandi) और कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Minister Rakesh Sachan) ने कानपुर (Kanpur) के मर्चेंट चेंबर हॉल में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया. शहर भर से बड़े उद्यमियों को इसका न्योता दिया गया और सरकार की पारदर्शी पॉलिसी के बारे में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में इसका बखान भी किया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) में मंत्री राकेश सचान ने कहा कि कानपुर औद्योगिक नगरी के रूप में अपनी पहचान रखता आया है और इस पहचान को आज के परिदृश्य में और आगे ले जाने के लिए उद्यमियों से उत्तर प्रदेश सरकार अपेक्षा रख रही है. ऐसे में सभी लोग मिलकर कानपुर की पहचान को और ज्यादा गहरा करने में जुटे हुए हैं.
उद्योगपतियों को दिया भरोसा
कार्यक्रम में दो घंटे से ज्यादा की देरी से पहुंचे औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बिकरु कांड के चर्चित विकास दुबे का हवाला देते हुए उद्यमियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि गुंडे और माफियाओं से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था का राज कायम करते हुए यहां निवेश फ्रेंडली माहौल बनाया है और इसी के चलते कई लाख करोड़ रुपए का एमओयू अब तक देश विदेश से साइन किया जा चुका है.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने कानपुर के बड़े उद्योगपतियों को सम्मानित करते हुए उन्हें फरवरी में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का न्योता दिया और उन्हें सम्मानित किया. सम्मान पाकर उद्योगपति काफी अभिभूत दिखे.
70 हजार करोड़ के एमओयू
कानपुर के मर्चेंट चैंबर हाल में आयोजित इस इन्वेस्टर मीट में कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी, घाटमपुर से विधायक सरोज कुरील समेत यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी समेत तमाम अधिकारियों ने शिरकत की और उद्यमियों में यह भरोसा पैदा करने की कोशिश की गई कि उन्हें इससे बेहतर निवेश का माहौल नहीं मिल सकता है. सरकार की नीतियां भी निवेश के लिए काफी सहायक हैं. इसी के चलते अब तक 70 हजार करोड़ रुपए के एमओयू कानपुर से साइन किए गए हैं.
यही नहीं अपेक्षा यह भी जताई गई कि इन्वेस्टर समिट को अभी कुछ दिन बाकी हैं, ऐसे में यह एमओयू ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा के होने की संभावना है. कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारियों द्वारा उद्यमियों से बढ़-चढ़कर इन्वेस्टर समिट में हिस्सा लेने और सरकार की नीतियों पर भरोसा जताने की बात कही गई.