Kanpur News: कानपुर में असलहा फर्जीवाड़ समेत अन्य गोलमाल करने वाले जल्द ही बेनकाब होंगे. एसआईटी के निर्देश पर डीएम नेहा शर्मा ने आजादी के बाद से अब तक बने सभी 41 हजार असलहों की जांच कराने का फैसला किया है. इसके लिए बाकायदा 4 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. 10 कंप्यूटर लगाए जा रहे हैं और सोमवार से यह जांच शुरू हो जाएगी. कानपुर में असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा खुलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. फर्जीवाड़ा और कमियां मिलने पर पूर्व डीएम आलोक तिवारी ने एसआईटी जांच की संस्तुति की थी.


लाइसेंस की फाइल निकाली जाएगी
एसपी एसआईटी देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में कमेटी जांच कर रही है. इस मामले की एसआईटी भी शहर आकर पड़ताल कर चुकी है, जिसके बाद जिला प्रशासन से फिर लाइसेंस की जांच करके रिपोर्ट मांगी गई है. अब कलेक्ट्रेट के स्टोर रूम से लाइसेंस की फाइल निकाली जाएगी. डीएम नेहा शर्मा ने एसआईटी द्वारा जानकारी मांगे जाने की बात कही है. एसआईटी ने निर्धारित फॉर्मेट भेजकर पूरी जानकारी मांगी है. इसमें असलहा लाइसेंस धारी का नाम, पिता का नाम, थाना, असलहे का प्रकार, लाइसेंस स्वीकृत करने वाले अफसर का पदनाम और सेवानिवृत्ति की बात है. 


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पहले भी हुई थी जांच
1 साल पहले भी लाइसेंस की एसआईटी जांच की गई थी और उस वक्त भी फर्जीवाड़ा मिलने के बाद ही आगे की जांच की गई थी. जांच में ये बात सामने आई थी कि 93 फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाए जा चुके हैं. विकास दुबे समेत 171 असलहा लाइसेंस की फाइलें गायब हो चुकी हैं. फर्जी ट्रांसिट लाइसेंस के जरिए कलेक्ट्रेट से कारतूस बेचे जा चुके हैं. जिलाधिकारी कानपुर नगर राजेश कुमार, एसीएम प्रथम, जियालाल सरोज एसीएम तृतीय, गुलाब चंद्र एसीएम चतुर्थ और वानिया सिंह एसीएम 6 जांच करेंगे.


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