UP Weather Update: चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी लोगों का जीना मुहाल करती दिख रही है. मौसम विभाग इसे जलवायु परिवर्तन का असर बता रहा है. देश के कई स्थानों की तरह कानपुर भी वेट बल्ब टेंपरेचर की चपेट में आ गया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब तापमान और नमी अपनी उस सीमा से ज्यादा हो गई है जिसे मनुष्य बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं रखता. जानकारों की मानें तो ऐसी स्थिति में पसीना निकलता तो है, लेकिन वाष्पीकरण की प्रक्रिया नहीं होने के चलते उससे शरीर को ठंडक नहीं मिल पाती, जिससे स्थिति बेचैनी में तब्दील हो जाती है. यह स्थिति खतरनाक होती है और इंसान में बेचैनी बढ़ जाती है. 


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से इस संबंध में चेतावनी भी जारी की गई है. कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग प्रमुख डॉक्टर एसएन पांडे की मानें तो जो पूर्वानुमान सामने आ रहे हैं उसके अनुसार आने वाले दिनों में तापमान लंबे समय तक 40 से 50 डिग्री के बीच रहने की संभावना है. इसके साथ ही नमी भी उसी अनुपात में बढ़ सकती है.


वेट बल्ब टेंपरेचर की स्थिति
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले कुछ दिनों में ऐसी ही स्थिति देखने को मिली है. मौसम विभाग की मानें तो मंगलवार को अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया और अधिकतम आर्द्रता 36% रही. सामान्य तौर पर आर्द्रता 25% होनी चाहिए थी, लेकिन ये काफी ज्यादा दर्ज की जा रही है. वहीं अरब सागर से हवा आने से तापमान के साथ आर्द्रता का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे वेट बल्ब टेंपरेचर की स्थिति बन रही है. मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी में इस स्थिति को काफी खतरनाक बताया गया है.


क्या कहना है डॉक्टरों का
वहीं डॉक्टर भी लोगों को इस परेशान करने वाले तापमान से बचने के उपाय बता रहे हैं. उनका कहना है कि मौसम की मार जानलेवा है, इसलिए कड़ी धूप में अगर बाहर निकलें तो अपने आपको कवर करके और उचित उपाय करके ही निकलें.


वैज्ञानिकों की मानें तो वेट बल्ब टेंपरेचर वह न्यूनतम तापमान है जिस पर वाष्पीकरण से हवा को ठंडा किया जा सकता है. 31 डिग्री सेल्सियस का वेट बल्ब टेंपरेचर मनुष्यों के लिए अत्यंत खतरनाक है. बताया गया है कि 35 डिग्री के वेट बल्ब टेंपरेचर में एक स्वस्थ व्यक्ति का 6 घंटे तक रहना खतरनाक हो सकता है. थर्मामीटर के बल्ब को गीले मलमल के कपड़े में लपेटकर लिए जाने वाले तापमान को वेट बल्ब टेंपरेचर कहते हैं. मौसम की इस स्थिति को मापने के लिए यह नाम यहीं से लिया गया है. इस बीच भीषण गर्मी की वजह से कानपुर शहर में स्कूलों का वक्त बदल दिया गया है और आदेश का पालन ना करने वाले संचालकों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी.


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