Kanpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में पिछले साल तीन जून को नई सड़क पर हुई हिंसा के बवाल के बाद दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में एसआईटी ने जांच पूरी कर ली है.पुलिस अब फंडिंग के मामले में जेल में बंद हाजी वसी, मुख्तार बाबा और डीटू गैंग के शातिर अकील खिचड़ी और सबलू की भी संपत्तियां जब्त करने की तैयारी शुरू कर दी है. पुलिस गैंग में शामिल सभी आरोपियों की अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियों का ब्यौरा खंगालने में जुट गई है.


नई सड़क पर हुए बवाल के बाद पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी, जावेद अहमद, बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा, बिल्डर हाजी वसी समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. एसआईटी की जांच में सामने आया था कि हाजी वसी और मुख्तार बाबा ने चंद्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए एक करोड़ रुपये में सौदा किया था. जिसके बाद वसी ने डीटू गैंग के सदस्य अकील खिचड़ी और सबलू को चार-चार लाख रुपये दिए थे. जिससे कि उपद्रव के समय फायरिंग और बमबाजी कर दहशत फैलाया जा सके. 


सभी आरोपियों की संपत्ति होगी कुर्क
मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने हाजी वसी को गैंग लीडर बनाते हुए मुख्तार बाबा, अकील खिचड़ी और शरीफ को सदस्य बनाते हुए गैंगस्टर की कार्रवाई की थी. इसके बाद हाजी वसी के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की थी. इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि सात माह पहले दर्ज हुए गैंगस्टर मामले में पुलिस की जांच पूरी हो गई है. इरफान गैंग की तरह ही पुलिस हाजी वसी के गैंग के सदस्यों की संपत्ति जब्त करेगी. 


गैंग के सभी सदस्यों की संपत्तियों को चिन्हित करने के लिए पुलिस की दो टीमें बनाई गई हैं. संपत्तियों के सत्यापन के बाद जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. तीन जून को जुमे की नमाज के बाद बीजेपी प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा की टिप्पणी का आधार बनाकर हयात जफर हाशमी ने बाजार बंदी की घोषणा की गई थी. बंदी को लेकर शुरू हुआ विवाद उपद्रव में बदल गया था. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव, बमबाजी और फायरिंग की थी. इस मामले में पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा कर हयात जफर हाशमी, हाजी वसी, मुख्तार बाबा, समेत कईयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जिसमें वर्तमान में हयात चित्रकूट जेल में है. मुख्तार बाबा पर जमानत पर बाहर है.


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