Kanpur Violence: हिंसा को लेकर विपक्ष के आरोपों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का पलटवार, जानिए- क्या कहा
Uttar Pradesh के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने कहा, सरकार कानपुर मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है. राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए पार्टियां जो बयान दे रही हैं उसे उचित नहीं समझते.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur violence) में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प पर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) और सख्त होती जा रही है. इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. घटना को लेकर विपक्षी दलों के बयान पर राज्य के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने पलटवार किया है.
क्या कहा डिप्टी सीएम ने
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि, यूपी सरकार कानपुर मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है और उच्चस्तरीय जांच चल रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए जो भी बयान दे रही हैं उसे हम उचित नहीं समझते.
यूपी सरकार कानपुर मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है और उच्चस्तरीय जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और विभिन्न राजनीतिक दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए जो भी बयान दे रहे हैं उसे हम उचित नहीं समझते:मायावती के बयान पर ब्रजेश पाठक,डीप्टी CM,UP pic.twitter.com/2IRG7TjWTy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2022
29 गिरफ्तार हो चुके हैं
बता दें कि कानपुर (Kanpur) में जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान दो समुदाय के लोगों के बीच जमकर पथराव हुआ. हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया. इस मामले में अभी तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 100 से अधिक आरोपियों की पहचान हो चुकी है. हिंसा की इस घटना में 40 लोग घायल हो गए थे. घटना के अगले दिन ही पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
क्या कहा था विपक्षी नेताओं ने
सपा नेता अखिलेश यादव और बसपा नेता मायावती ने इस घटना के बाद राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठाए हैं. विपक्ष योगी सरकार पर इसे लेकर लगातार निशाना साध रहा है. अखिलेश यादव ने इसे खुफिया तंत्र की विफलता बताते हुए बीजेपी नेता के गिरफ्तारी की मांग की थी. मायावती ने भी कहा था कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के यूपी दौरे के दौरान हिंसा की घटना खुफिया तंत्र की विफलता है. उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा था.