Kanpur News: कानपुर में पुलिस लाइन के भीतर पिटी पुलिस, नोंक झोंक के बाद वकीलों ने की हाथापाई, केस दर्ज
Kanpur News: बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि वकील द्वारा होमगार्ड से माफी मंगवा दी गई है, लेकिन इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि गलती किसकी थी.
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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में एक बार फिर से यूपी पुलिस (UP Police) और वकीलों के बीच जबरदस्त नोंक-झोंक हो गई. वकीलों ने पुलिस लाइन (Police Line) के भीतर घुसकर सिपाहियों की पिटाई कर दी. सिपाही मोहम्मद इरफान को विवाद के बाद जमकर पीटा गया, जिसके बाद इसका वीडियो वायरल हो गया. इससे पहले भी कानपुर में वकीलों और पुलिसवालों के बीच मारपीट की घटनाएं सामने आ चुकी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कब तक पुलिस इसी तरह वकीलों से पिटती रहेगी.
दरअसल, मंगलवार को किदवई नगर थाने से दो आरोपियों को ACP कोर्ट में पेश करने के लिए लाया गया था. इस दौरान वकीलों की वहां मौजूद सिपाही मोहम्मद इरफान से नोकझोंक हो गई, जिसके बाद उन्होंने उसकी पिटाई कर दी. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. सिपाही की तहरीर पर मृत्युंजय सिंह, आशीष मिश्रा और 8 अज्ञात के खिलाफ धारा 147 यानी बलवा, 504 यानी जानबूझकर अपमान करना 323 मारपीट करना 332 लोक सेवक अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना 353, 506 225 186 और 7 CLA के तहत एफ आई आर दर्ज की गई है.
जानें- क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार एक वकील के घर के सामने रहने वाले दो आरोपियों ने मोहल्ले में नशे बाजी करके माहौल बिगाड़ रखा था. पुलिस कमिश्नर के आदेश पर दोनों को गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को जब पुलिसकर्मी उन्हें पेशी पर लेकर पहुंचे थे तो शिकायतकर्ता के साथी वकीलों को इसकी भनक लग गई थी इस पर शिकायतकर्ता के साथ साथी अधिवक्ताओं ने पुलिस लाइन में आरोपियों को पीट दिया था. अब इस मामले में पुलिस ने काफी सख्त रुख अपनाते हुए फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश डालने का प्लान किया है ताकि एक सख्त संदेश दिया जा सके.
इस मामले पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने आरोपी वकील से होमगार्ड से माफी मंगवा दी है, लेकिन इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि गलती किसकी थी यानी अधिवक्ताओं ने पुलिस कर्मियों पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
कब-कब आपस में भिड़े वकील और पुलिस
कानपुर में कई बार वकीलों और पुलिस का आमना-सामना हो चुका है. पिछले साल ही दो घटनाओं में वकीलों ने ट्रैफिक सिपाहियों और होमगार्डों को पीट दिया था. इस मामले में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद 20 अक्टूबर 2022 को कचहरी रोड पर ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड और ट्रैफिक सिपाही को वकीलों ने बुरी तरह पीटा, इस मामले में भी 7 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी. 22 नवंबर 2022 को सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुए विवाद में महिला थाने के सामने ट्रैफिक सिपाही को पीटा गया था उसमें भी तीन नामजद समेत अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इन तमाम मामलों में वकीलों के व्यवहार को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
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