उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर सस्पेंस बरकरार, सीएम धामी बोले- लोगों की जिंदगी दांव पर नहीं लगाई जा सकती
कोरोना की वजह से उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पिछले साल से स्थगित है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने की मांग की है.
Kanwar Yatra 2021: उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के आयोजन पर सस्पेंस बना है. यात्रा होगी या नहीं यह अभी तय नहीं हो पाया है. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ी बात कही है. धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा आस्था की बात जरूर है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर नहीं लगाई जा सकती. सीएम ने कहा कि यह भगवान को भी अच्छा नहीं लगेगा कि कांवड़ यात्रा के कारण लोग कोविड से अपनी जान गवांए. यानि साफ है कि फ़िलहाल उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा होना संभव नहीं है.
कोरोना की वजह से उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पिछले साल से स्थगित है. इस बार भी 30 जून को उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में यह तय किया गया था कि इस साल भी कोविड के कारण कांवड़ यात्रा नहीं होगी. लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच हुई टेलिफोनिक बात में तय किया गया कि कांवड़ यात्रा पर पुनर्विचार होगा. इसके बाद यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के अधिकारियों के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर बात हुई है.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कांवड़ यात्रा को लेकर विचार विमर्श किया. लेकिन इसके बाद भी अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि कांवड़ यात्रा होगी या नहीं. वहीं प्रदेश मुख्यालय में कई प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में तय किया किया गया था कि हरिद्वार में इस बार कांवड़ यात्रा नहीं होगी, बावजूद इसके कांवड़ यात्रा को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है.
राज्य सरकार की ओर से अंतिम निर्णय लेना बाकी है
उधर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने की मांग की है. आईएमए ने कहा है कि अगर प्रदेश में कांवड़ यात्रा शुरू होती है तो यह कोविड की तीसरी लहर के लिए न्योता हो सकता है. आईएमए ने पत्र लिखकर कहा है कि इस साल कांवड़ यात्रा को कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बंद रखा जाए.
23 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा पर संशय बरकरार है. हालांकि राज्य सरकार की ओर से इस पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है. वहीं अभी प्रदेश में कोरोना के मामले काफी कम हुए हैं लेकिन तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए फिलहाल कांवड़ यात्रा पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
यह भी पढ़ें-
15 जुलाई को PM मोदी का वाराणसी दौरा, 1500 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं की देंगे सौगात