Basti News: कांवड़ मेले को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट है. 2 साल बाद कावड़ यात्रा प्रारम्भ हो रही है. जिससे भोलेनाथ के भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. वहीं जिला प्रशासन ने इस बार बस्ती जिले के प्राचीन शिव मंदिर बाबा भदेश्वर नाथ धाम पर 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई है. कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए एडीजी जोन गोरखपुर अखिल कुमार दो बार बस्ती का दौरा कर चुके हैं. वे लगातार अधिकारियों से मेले की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.
NH-28 को किया गया है डायवर्ट
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन दिन रात तैयारियां कर रहा है. 23 जुलाई रात्रि 8:00 बजे से NH-28 को डायवर्ट कर दिया गया है. ताकि कांवरिया भक्तों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो. इसके लिए जगह जगह पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा बैरियर लगाएं गए हैं ताकि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके. नेशनल हाईवे पर कांवड़ियों द्वारा अयोध्या धाम से आते समय बाएं लेन का प्रयोग किया जाएगा. दाहिने लेन का प्रयोग आवश्यकतानुसार एंबुलेंस और अन्य जरूरी वाहनों के लिए किया जाएगा.
लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरे
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि कांवड़ियों भक्तों के आने वाले रास्ते में जगह-जगह एंबुलेंस की तैनाती की गई है, ताकि कांवरिया भक्तों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो. पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि सीमा से सटे जनपदों के अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ताकि जरूरत के अनुसार उनसे सहयोग लिया जा सके. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. पूरे मेला परिसर सहित सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं.
शिवपुराण में है मंदिर का वर्णन
मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश गिरी ने बताया कि जिला प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है. मेले को सकुशल संपन्न कराया जाएगा. मंदिर सेवा समिति के सदस्य और सेवादार भी मंदिर परिसर में मौजूद रहेंगे. मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संपर्क कर सकते हैं. पंडित देवस्य मिश्र ने बताया कि यह बहुत ही पौराणिक कालीन मंदिर है तेरस को जनपद के ही नहीं प्रदेश के कई जनपदों से भक्त राम नगरी अयोध्या से सरयू नदी का पवित्र जल लाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. वहीं मंदिर पर पूजा पाठ करने वाले रमेश गोस्वामी ने कहा मंदिर में शिवलिंग काफी पुराना है. शिव पुराण में भी इसका वर्णन मिलता है. ऐसी किवदंती भी है कि कुछ लोग शिवलिंग को यहां से खोद कर ले जाना चाह रहे थे. ऐसा दैवी चमत्कार हुआ कि वह शिवलिंग ले जाने के लिए जो बैलगाड़ी ले आए थे वह यहीं पर पूरी तरीके से पत्थर हो गया. जो आज भी मंदिर परिसर के पश्चिम दिशा में मौजूद हैं.
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