Kanwar Yatra 2022: कांवड़ मेले (Kanwar Mela) की शुरुआत हो चुकी है और शिव भक्त हरिद्वार (Haridwar) से गंगा जल (Ganga Water) भरकर लाने के लिए निकलने लगे हैं. कोरोना महामारी (Covid 19) के दो साल बाद एक बार फिर पूरे जोश के साथ कांवड़ की शुरुआत हो गई है. इस दौरान एक से बढ़कर एक रंग-बिरंगी और अनोखी कांवड़ देखने को मिलती है. कोई डाक कांवड़ लाता है तो कोई लाखों रुपये लगाकर बड़ी कांवड़, तो वहीं कई तो ऐसे होते हैं जो सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर अपने गंतव्य तक जाते हैं.
121 किलो की कांवड़ लेकर निकला शिवभक्त
14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है. जिसमें लाखों करोड़ों शिव के भक्त हरिद्वार से जल भरकर अपने अपने शिवालयों पर 26 जुलाई को शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जलाभिषेक करेंगे. इस दौरान शिवभक्तों का अलग ही रूप देखने को मिलता है. इसी कड़ी में मंगलवार को हरिद्वार से 121 किलो गंगा जलभर कर शोभित त्यागी मुजफ्फरनगर से जाते हुए दिखाई दिए. शोभित बुलंदशहर के रहने वाले हैं और अपने साथियों के साथ कांवड़ लेकर आए हैं. शोभित ने कहा कि उन्होंने हिंदुत्व को एक करने और सनातन धर्म को जोड़ने के लिए कांवड़ उठाई है. ये उनकी तीसरी कांवड़ है.
सनातन धर्म की एकता के लिए उठाई कांवड़
शोभित ने 27 जून को ये कांवड़ हरिद्वार से उठाई थी. वो रोजाना 7 से 8 किलोमीटर पैदल चलते हैं और 26 जुलाई शिवरात्रि को अपने शिवालय पर जलाभिषेक करेंगे. उन्होंने बताया कि वो बुलंदशहर तक जाएंगे. उन्होंने हर की पौड़ी से 121 किलो जल भरा है. उनकी यात्रा को 15 से ज्यादा दिन हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे समूह में 4 सदस्य है. दो साल कोरोना में कांवड़ बंद रहने पर हमारी आस्था को बहुत ठेस पहुंची है उसका बहुत दुःख हुआ है. इस बार इसी वज़ह से भारी मात्रा में कावड़िये उमड़ रहे हैं. हरिद्वार में मेला शुरू हो चुका है. अच्छी भीड़ है और इस बार हर साल की तरह अच्छा मेला रहेगा.
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वहीं दूसरी तरफ केली निवासी MBA का छात्र केशव त्यागी भी हरिद्वार से 101 किलो गंगा जल भरकर पैदल कांवड़ लेकर अपने समूह के साथ निकला है. मुज़फ्फरनगर पहुंचने पर उन्होंने बताया कि ये कांवड़ नौकरी की चाहत में उठाई है. केली का ये शिवभक्त 1 जुलाई से निरंतर पैदल चलते हुए 26 जुलाई को केली स्थित अपने शिवालय पर भोले का जलाभिषेक करेंगे.
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