मुलायम सिंह यादव की सरकार में लागू हुआ था नेम प्लेट लगाने का कानून, UPA सरकार ने पास किया था बिल
उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा 2024 के दौरान नेम प्लेट लगाने का जो फरमान जारी हुआ उस पर अब पक्ष और प्रतिपक्ष आमने सामने है. हालांकि जिस नियम के तहत लागू कराया जा रहा है वह साल 2006 में ही पास हुआ था.
Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा 2024 के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और उत्तराखंड में धामी सरकार ने नेम प्लेट को लेकर नियम सख्ती से लागू करने का फैसला किया है. पहले तो यह आदेश केवल मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से आया था, शुक्रवार को यूपी में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह नियम पूरे राज्य में लागू होगा. उधर, उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि कांवड़ के फैसले को अन्यथा न लें.
हालांकि आज जिस निर्णय का विपक्ष विरोध कर रहा है ये नियम साल 2006 में ही बनाए गए थे. इसमें कहा गया था कि सभी दुकानदारों, रेस्टोरेंट, ढाबा संचालक को अपना नाम , पता और लाइसेंस नम्बर लिखा होना चाहिए. ग्राहकों की बेहतरी के लिए सामानों की लिस्ट भी सार्वजनिक करनी होगी. जब ये आदेश हुए थे उस समय मुलायम सिंह यादव की यूपी में सरकार थी.
इस कानून में कहा गया है कि कोई भी खाद्य व्यवसाय संचालक किसी ऐसे व्यक्ति को रोजगार नहीं देगा जो संक्रामक या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हो.
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लाइसेंस के लिए करना होगा आवेदन
कानून में कहा गया है कि कोई भी खाद्य व्यवसाय संचालक किसी भी विक्रेता को कोई खाद्य पदार्थ नहीं बेचेगा या बिक्री के लिए पेश नहीं करेगा, जब तक कि वह विक्रेता को ऐसे पदार्थ की प्रकृति और गुणवत्ता के बारे में लिखित रूप में गारंटी न दे.
खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो खाद्य व्यवसाय शुरू करना या चलाना चाहता है, उसे लाइसेंस के लिए नामित अधिकारी को आवेदन करना होगा.
क्या बोली योगी सरकार?
वहीं इस मामले पर योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि हिन्दू देवी देवता के नाम पर मुस्लिम समाज के लोग दुकान लगाते है. और नान वेज बेचते है. ऐसे दुकान पर हमने प्रशासन से नाम उजागर करने की बात की थी. कांवड़िये इनके दुकान पर जाते हैं. कई जगह से कांवडिया आते हैं. इनको अपनी पहचान उजागर करनी चाहिये.