UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों पर नाम लिखने को फरमान सुनाया है जिसका राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने विरोध किया है. जिसके बाद कयास लग रहे हैं कि क्या रालोद एनडीए का साथ छोड़ेगी. कांग्रेस  प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अगर वो वाकई इस फैसले के खिलाफ हैं तो उन्हें केंद्र से अपना समर्थन वापस लेना चाहिए. 


अजय राय ने एनडीए के सहयोगी जयंत चौधरी और चिराग पासवान से उनके विरोध को लेकर कहा कि अगर ये लोग वाकई इस फैसले के खिलाफ हैं तो उन्हें सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए, सरकार पर दबाव बनाएं, सरकार से समर्थन वापस ले. यह फैसला निश्चित तौर पर गलत है, ये बांटने का काम हैं. देश के आम लोगों में ठेला कौन चलाता है? वो गरीब आदमी ही है, चाहे वो हिन्दू हो-मुस्लिम हो..तो क्या आप इनका नाम लिखवाकर इनका चरित्र हनन करना है. ये सब चलने वाला नहीं है. 


अजय राय ने इस दौरान बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि ये सरकार
महंगाई, बेरोजगारी पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं. पेपर लीक हो रहा है. ये लीक वाली सरकार है और बुलडोजर वाली सरकार है. जनता अब मन बना चुकी है. आने वाले 27 के चुनावों में इनकी बिदाई होगी. 


जयंत चौधरी ने जताई आदेश पर आपत्ति
दरअसल योगी सरकार के इस फरमान पर रालोद अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री जयंत चौधरी ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्री जाति धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता हैं. इस मुद्दे को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बीजेपी ने ये फैसला ज्यादा सोच समझकर नहीं लिया है. अब फैसला हो गया है तो सरकार उस पर टिकी है. अभी भी समय है सरकार को फ़ैसला वापस ले लेना चाहिए. 


जयंत चौधरी ने तो यहाँ तक कह दिया है कि आखिर कहां-कहां नाम लिखवाओगे क्या अब कुर्ते पर भी लिखवाना शुरू करेंगे कि किससे हाथ मिलाना है और किसे गले लगाना है. 


आपको बता दें कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश दिए हैं, ताकि कांवड़ यात्रियों को ये पता लग सके कि वो किससे सामान खरीद रहे हैं. आदेश के मुताबिक दुकानों पर संचालक के साथ तमाम कर्मचारियों के भी नाम लिखने होंगे. ताकि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता को बनाए रखा जा सके.