UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर घमासान मचा हुआ है. बरेली से लेकर लखनऊ (Lucknow) तक खलबली है. शासन से पल-पल का अपडेट लिया जा रहा है. बरेली के जिलाधिकारी ने कांवड़ यात्रा के लिए मांगी गई परमीशन को निरस्त करते हुए दो टूक कह दिया है कि गैर परंपरागत रूट से कांवड़ यात्रा नहीं निकलने दी जाएगी. ऐसे में हिंदू समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है और उन्होंने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दी हैं. साथ ही इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस, पीएसी, आरएएफ और सीआरपीएफ को तैनात किया गया है.


डीएम के साथ-साथ बरेली पहुंचे कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी साफ साफ कह दिया है कि गैर परंपरागत रूट से कांवड़ यात्रा नहीं निकलेगी। उन्होंने इसको लेकर शनिवार को डीएम-एसएसपी के साथ सर्किट हाउस में मीटिंग भी की. धर्मपाल सिंह ने कहा कि जो रविवार को वबाल हुआ था उसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया और जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी ईमानदारी अधिकारी हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से ट्रांसफर करवाया है. उन्होंने कहा कि नूंह की हिंसा प्री प्लांड थी.


ज्ञानवापी पर क्या बोले मंत्री धर्मपाल सिंह?


धर्मपाल सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी का विषय आस्था से जुड़ा हुआ है. आस्था की चिन्ह हुआ करते हैं. ज्ञानवापी मंदिर है, वहां भगवान शंकर और नंदी हैं, हिंदू देवताओं के भी चिन्ह मिले हैं, कोर्ट ने जो फैसवा लिया वो तथ्यों के आधार पर लिया है. न्यायालय ने समीक्षा के आधार पर निर्णय लिया है. फैसला स्वागत योग्य है. सावन के महीने में निर्णय आना हर-हर महादेव का फैसला है.


कांवड़ यात्रा को लेकर दो बार हो चुका है वबाल


वहीं डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने कहा कि बारादरी थाना क्षेत्र में कांवड़ यात्रा को लेकर दो बार वबाल हो चुका है. डीएम ने बताया कि शासन का जो निर्देश है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक जुलूस या धार्मिक आयोजन स्थल के लिए जो परंपरागत स्थान है या परंपरागत रूट है, उसके अलावा किसी रूट को अनुमति नहीं दी जाए. डीएम ने कहा कि अभी कांवड़ यात्रा को लेकर बारादरी क्षेत्र में रूट से हटकर के निकलने के प्रयास में दिक्कत आई थी. फिर से उसी रूट पर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इस संबंध में लोगों से बात की गई और साफ-साफ बता दिया गया है जो गैर परंपरागत रूट है, उस पर अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई सहमति बनती है तो उस पर विचार किया जाता, लेकिन ऐसी कोई सहमति नहीं हुई है.


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