Karnaprayag Sinking: जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी मकानों में आई दरारें, लोगों की जान बचाने के लिए प्रशासन करेगा ये काम
Karnaprayag Landslide News: कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर, सुभाष नगर और अपर बाजार में भू-धंसाव से बुरी तरह प्रभावित है. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के आदेश दिए हैं.
Uttarakhand Landslide News: उत्तराखंड भूस्खलन रुकने सिलसिला अब भी जारी है. जोशीमठ (Joshimath) के बाद अब चमोली (Chamoli) जिले के कर्णप्रयाग (Karnaprayag) में बहुगुणा नगर (Bahuguna Nagar) , सुभाष नगर (Subhash Nagar) और अपर बाजार (Apar Bazar) से भूस्खलन की खबरें आ रही है. यहां भी मकानों में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी है. हालात को देखते हुए प्रशासन ने दरारों वाले भवनों को खाली कराने के आदेश दे दिए हैं.
सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाएंगे लोग
उत्तराखंड में चमोली जिले के कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर, सुभाष नगर और अपर बाजार में भू-धंसाव से बुरी तरह प्रभावित है. इन क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने दरारों वाले भवनों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के आदेश दिए हैं. प्रभावितों से मुलाकात के बाद जिलाधिकारी ने अफसरों को निर्देश दिए कि भू-धंसाव के कारण जिन भवनों में अत्यधिक दरारें आ गई हैं, उन्हें खाली करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए.
मकान मालिक बने किराएदार
उन्होंने कहा कि जो लोग किराए पर जाना चाहते हैं, उन्हें छह महीने तक किराया भी दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि भवनों में दरारों की निगरानी के लिए ‘क्रेकोमीटर’ लगाए जाएं. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण टीम के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में भवनों का विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में भूधसांव से 28 भवन प्रभावित हुए हैं. वहीं, सुभाष नगर और अपर बाजार में भी कुछ भवनों में दरारें आई हैं.
जोशीमठ में अब भी हालात बेकाबू
जोशीमठ में लगभग डेढ़ महीने से लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह से हालात दिन ब दिन और बदतर होती जा रही हैं. एक तरफ जहां भूधंसाव के शिकार लोगों के घर तिरछे होते जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर भू-धंसाव से बदरीनाथ हाईवे की हालत भी खराब होती जा रही है. इस बीच 20 फरवरी को अचानक रेलवे गेस्ट हाउस के पास बदरीनाथ हाईवे पर करीब दस फीट गहरा गड्ढा हो गया, जिससे लोगों में दहशत फैल गई. घटना की सूचना पाकर सीमा सड़क संगठन ने मजदूरों की मदद से गड्ढे को भर दिया. हाईवे पर बना ये गड्ढा इतना गहरा था कि उसे भरने में करीब आधा ट्रक पत्थर, सीमेंट और कंक्रीट लग गए. गौरतलब है कि हाईवे पर इससे पहले मारवाड़ी होटल के पास भी बड़ा गड्ढा हो गया था.
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