UK Election 2022: कर्णप्रयाग विधानसभा सीट बन सकती है बीजेपी के लिए सिरदर्द, जानें पार्टी किसे दे सकती है यहां से मौका
कर्णप्रयाग विधानसभा सीट बीजेपी के लिए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है.वर्तमान विधायक सुरेन्द्र सिह नेगी के अस्वस्थ होने के चलते किसे टिकट मिलेगा यह चर्चा का विषय है.
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UK Assembly Election 2022: उत्तराखंड 2022 विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. विधानसभा चुनावों को लेकर चमोली जिले की कर्णप्रयाग सीट सबसे रोचक बनती जा रही है. यहां भारतीय जनता पार्टी में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने टिकट की दावेदारी कर पार्टी के लिए एक अनार सो बीमार सी स्थिति पैदा कर दी है. जो कि आने वाले समय मे पार्टी के लिए सिर दर्द भी बन सकता है. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है जिन लोगो को कभो हमने देखा तक नही वे पार्टी से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
कर्णप्रयाग में बीजेपी किसे देगी मौका
कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर वर्तमान भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिह नेगी के अस्वस्थ होने के चलते भाजपा में टिकट के दावेदारो की लंबी फेहरिस्त से प्रदेश नेतृत्व की चिंता भी बढ़ सकती है. क्योंकि यहां दावेदारों की संख्या अन्य विधानसभाओं की अपेक्षा बहुत अधिक हो रही है. इतना ही नहीं यहां इसबार जातीय समीकरण भी जीत के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता को है टिकट मिलने की आस
बीजेपी में टिकट की बर्षो से आस लगाए बैठे वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से लगातार मैं टिकट की आस लगाए बैठा हूँ, लेकिन मैंने कभी भी पार्टी के फैसलों के खिलाफ ऐसा कोई कदम नही उठाया जिससे पार्टी को नुकसान या फिर पार्टी की छवि धूमिल हुई हो. उन्होंने कहा कि कुछ लोग बाहर से आकर चुनावो के दौरान क्षेत्रो का दौरा कर रहे हैं. लेकिन पार्टी को देखना है कि जिताऊ उम्मीदवार कौन है. किसको टिकट दिया जाना चाहिए, वहीं भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री पंकज डिमरी ने कहा कि युवा होने के नाते पार्टी को मुझ पर भरोषा करना चाहिए क्योंकि मुझे विभिन्न चुनावो का अनुभव है. लम्बे समय से मैं क्षेत्रो का दौरा भी कर रहा हूं. जनता का अच्छा साथ मिल रहा हैं. अगर पार्टी मुझ पर भरोषा करती है तो मैं चुनाव के लिए तैयार हूं.
कर्णप्रयाग में हो सकती है बगावत
कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से केंद्रीय नेतृत्व पर एक मुश्किल भारतीय जनता पार्टी के सामने यह भी आने वाली है कि यहां बाहरी प्रत्याशियों के आने से पार्टी में जहां बगावत होने के आसार नजर आ रहे हैं. वहीं इससे कार्यकर्ताओं में अंतर्कलह होने से बगावत होने की भी सम्भावना दिख रही है. टिकट के दावेदारों की पार्टी से मांग है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही टिकट दिया जाना चाहिए जो पार्टी के लिए वर्षों से काम कर रहे हैं.
यह भी ठोक रहे हैं टिकट के लिए दावेदारी
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दो बार के विधायक रहे अनिल नौटियाल, भाजपा नेता सतीश लखेड़ा , एवीबीपी के पूर्व क्षेत्र संगठन मंत्री रमेश गाड़िया समेत डेढ़ दर्जन दावेदार कर्णप्रयाग से टिकट की मांग कर रहे हैं. लेकिन देखने वाली बात होगी कि पार्टी किस पर अपना भरोषा जताती है. चमोली जिले में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट अन्य सीटों से इसलिए भी हॉट है क्योंकि ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ साथ कर्णप्रयाग विधानसभा की लहर से बद्रीनाथ और थराली विधानसभा पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बीजेपी को न सिर्फ टिकट का बंटवारा बल्कि ऐसे प्रत्याशी का भी चयन करना होगा जो पार्टी और जनता की कसौटी पर खरा उतर सके.
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